किरण मोरे का बड़ा खुलासा: पूर्व सिलेक्टर ने कहा- 2004 दलीप ट्रॉफी फाइनल में गांगुली धोनी की जगह दीपदास को खेलते देखना चाहते थे, बाद में माही ने 60 रन जड़े
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मुंबई8 मिनट पहले
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गांगुली ने अपना आखिरी टेस्ट 2008 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विदर्भ में खेला था। तब धोनी टीम इंडिया के कैप्टन थे।
पूर्व चीफ सिलेक्टर किरण मोरे ने दावा किया है कि महेंद्र सिंह को मौका दिलाने के लिए वर्तमान BCCI अध्यक्ष सौरव गांगुली के साथ 2004 में उनका झगड़ा हुआ था। मोरे ने ‘द कर्टली एंड करिश्मा’ नामक एक यूट्यूब शो पर कहा- साल 2004 में दलीप ट्रॉफी का फाइनल मुकाबल ईस्ट जोन और नॉर्थ जोन के बीच होना था। ईस्ट जोन से रेगुलर विकेटकीपर दीप दास गुप्ता की जगह पर मैं चाहता था कि धोनी को प्लेइंग-11 में मौका मिले, ताकि हम उन्हें खेलते हुए देख सकें और विकेटकीपर की तलाश हमारी पूरी हो सके। लेकिन गांगुली इसके पक्ष में नहीं थे। मैं 10 दिन तक उनसे बात करता रहा। मेरी उनसे बहस भी हुई थी। आखिरकार धोनी को प्लेइंग इलेवन में मौका मिला।
इस मैच में धोनी ने पहली पारी में 21 और दूसरी पारी में सिर्फ 47 गेंदों में 60 रन बनाए थे। नॉर्थ जोन से आशीष नेहरा, सरनदीप सिंह, जोगिंदर शर्मा, अमित भंडारी जैसे गेंदबाज खेल रहे थे। इसके बाद धोनी को इंडिया A के साथ केन्या भेजा गया, जहां उन्होंने ट्राई सीरीज में लगभग 600 रन बनाए थे। इसके बाद धोनी ने फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
2008 बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान मस्ती करते गांगुली और धोनी।
द्रविड़ वनडे में विकटकीपिंग का जिम्मा संभाल रहे थे
मोरे ने कहा कि हम एक विकेटकीपर की तलाश में थे। उस समय प्रारूप बदल रहा था। एक पावर-हिटर चाहिए था, जो नंबर 6 या 7 पर आकर टीम के लिए बल्लेबाजी कर सके और कम गेंदों पर 40-50 रन टीम के लिए बना सके। राहुल द्रविड़ उस समय वनडे में विकेटकीपिंग का जिम्मा संभाल रहे थे। मुझे एक सहयोगी ने धोनी के बारे में बताया था। उन्होंने धोनी की बल्लेबाजी देखी थी।
मोरे ने कहा- मैंने भी जाकर धोनी को बल्लेबाजी करते देखा। धोनी ने उस मैच में टीम के कुल 170 रन में से 130 रन बनाए थे। ऐसे में सभी चाहते थे कि दलीप ट्रॉफी फाइनल में उनको खेलते हुए देखें। द्रविड़ ने करियर में 75 वनडे में विकटकीपिंग की थी। वह 2003 वर्ल्ड कप में बतौर विकेटकीपर ही टीम में शामिल थे।
दीप दास गुप्ता ने 5 वनडे मैच में 17 की औसत से 51 रन बनाए। वहीं 8 टेस्ट मैचों में 28.66 की औसत से 344 रन बनाए हैं।
धोनी ने 2020 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लिया
धोनी ने साल 2020 में 15 अगस्त को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की थी। उनकी कप्तानी में इंडिया ने 2007 में टी-20 वर्ल्डकप जीता और 2011 में वनडे वर्ल्डकप पर कब्जा किया। उन्होंने 350 वनडे में 50.57 की औसत से 10,773 रन बनाए। वहीं 98 टी-20 में 37.60 की औसत से 1,617 रन बनाए हैं।
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