काम की बात: कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स के आधार पर होता है महंगाई भत्ते का कैलकुलेशन, महंगाई भत्ते और इसके एरियर पर भी देना होता है टैक्स
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नई दिल्ली24 मिनट पहले
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केंद्र सरकार के अधीन आने वाले कर्मचारियों और पेंशनर्स को आज खास तोहफा मिल सकता है। पेंडिंग डियरनेस अलाउंस या महंगाई भत्ता (DA) एरियर के भुगतान को लेकर केंद्र ने आज बैठक बुलाई है। इस बैठक में एरियर के भुगतान को लेकर फैसला किया जाएगा। यदि DA एरियर भुगतान पर सहमति बनती है तो इससे लाखों केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को बड़ी राहत मिलेगी। ऐसे में आज हम आपको DA से जुड़ी जरूरी बातों के बारे में बता रहे हैं।
क्या होता है महंगाई भत्ता?
महंगाई भत्ता ऐसा पैसा है जो महंगाई बढ़ने के बावजूद सरकारी कर्मचारियों के जीवन स्तर को बनाये रखने के लिये दिया जाता है। यह पैसा सरकारी कर्मचारियों, पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों और पेंशनधारकों को दिया जाता है। इसका कैलकुलेशन देश की मौजूदा महंगाई के अनुसार हर 6 महीने पर किया जाता है। इसकी गणना संबंधित वेतनमान के आधार पर कर्मचारियों के मूल वेतन के अनुसार की जाती है। महंगाई भत्ता शहरी, अर्ध-शहरी या ग्रामीण क्षेत्र के कर्मचारियों का अलग-अलग हो सकता है।
महंगाई भत्ते का कैलकुलेशन कैसे होता है?
महंगाई भत्ता निर्धारण के लिए एक फॉर्मूला दिया गया है। केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए ये फॉर्मूला है [(पिछले 12 महीने के ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (AICPI) का औसत – 115.76)/115.76]×100 । अब अगर PSU (पब्लिक सेक्टर यूनिट्स) में काम करने वाले लोगों के महंगाई भत्ते की बात की जाए तो इसके कैलकुलेशन का तरीका यह है- महंगाई भत्ता प्रतिशत= (बीते 3 महीनों के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक का औसत (बेस ईयर 2001=100)-126.33))x100
ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स क्या है
भारत में दो तरह की महंगाई होती है। एक रिटेल यानी खुदरा और दूसरा थोक महंगाई होती है। रिटेल महंगाई दर आम ग्राहकों की तरफ से दी जाने वाली कीमतों पर आधारित होती है। इसको कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) भी कहते हैं।
कितना फायदा होगा?
सैलरी कितनी बढ़ेगी यह जानने के लिए आपको अपनी बेसिक सैलरी चेक करनी चाहिए। साथ ही इसके बाद अपने मौजूदा DA की जांच करें। फिलहाल DA 17% है जो बहाली के बाद 28% हो जाएगा। मतलब DA में 11% का इजाफा होगा। केंद्रीय कर्मचारी का DA 1 जुलाई 2021 से उनके मूल वेतन के 11% तक बढ़ जाएगा।
महंगाई भत्ते पर भी देना होता है टैक्स?
महंगाई भत्ता पूरी तरह टैक्सेबल होता है। भारत में आयकर नियमों के तहत इनकम टैक्स रिटर्न में महंगाई भत्ते के बारे में अलग से जानकारी देना होती है। यानि आपको जितनी रकम महंगाई भत्ते के नाम पर मिलती है वह टैक्सेबल है।
दो तरह के होते हैं महंगाई भत्ते
महंगाई भत्ता दो तरह का होता है। इंडस्ट्रियल डियरनेस अलाउंस और वेरिएबल डियरनेस अलाउंस। इंडस्ट्रियल डियरनेस अलाउंस का संशोधन हर 3 महीनों में किया जाता है। ये केंद्र सरकार के पब्लिक सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों पर लागू होता है। इसका आकलन कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) के आधार पर हर 3 महीनों में किया जाता है।
वेरिएबल डियरनेस अलाउंस का रिवीजन हर 6 महीने में किया जाता है। रिटेल महंगाई के आधार पर केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों और वर्कर्स के लिए इसे रिवाइज करती है। वेरिएबल डियरनेस अलाउंस का आकलन भी कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) के आधार पर किया जाता है।
65 लाख कर्मचारियों को होगा इसका फायदा
केंद्र ने जनवरी 2020 में DA में 4%, जून 2020 में 3% और जनवरी 2021 में 4% की बढ़ोतरी की गई है। अब 1 जुलाई 2021 से डीए के भुगतान को फिर से लागू करने का फैसला किया गया है। इससे करीब 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनर्स को लाभ मिलेगा।
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