ओला, ब्लिंकिट, लीडो लर्निंग ने की सबसे ज्यादा छंटनी: स्टार्टअप्स ने 6 महीने में ही 11 हजार से ज्यादा लोगों को नौकरी से निकाला
नई दिल्ली/बेंगलुरु32 मिनट पहले
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पिछले छह महीने में स्टार्टअप कंपनियों ने 11 हजार से ज्यादा कर्मचारियों काे निकाला है। ये छंटनी लागत में कटौती, पुनर्गठन और वित्तीय संकट के नाम पर की गई। सबसे ज्यादा छंटनी ओला, ब्लिंकिट, व्हाइटहैट जूनियर, लीडो लर्निंग, अनएकेडमी ने की है। सबसे ज्यादा छंटनी ईकॉमर्स कंपनियों ने की है। जबकि एजुटेक दूसरे नंबर पर रही हैं। स्टार्टअप को लगता है कि अगले 18-24 महीने तक कारोबार नहीं बढ़ेगा।
बिजनेस इनसाइडर इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, देश में 25 स्टार्टअप ने इस साल जनवरी से अब तक 11,695 लोगों को निकाला है। इनमें से 10 स्टार्टअप ई-कॉमर्स क्षेत्र के हैं और सात एजुटेक से हैं। छंटनी करने वालों में 7 यूनिकॉर्न ओला, ब्लिंकिट, अनएकेडमी, वेदांतु, कार्स24 और पीएमएल शामिल हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस साल स्टार्टअप में 60 हजार लोगों की नौकरी जा सकती है।
ओला: अप्रैल में 2100 को निकाला था, 500 और छंटनी
स्टार्टअप में नौकरी से निकाले गए कुल कर्मचारियों का पांचवां हिस्सा दिग्गज कंपनी ओला से जुड़ा है। ओला ने अप्रैल में डार्क स्टोर में काम करने वाले 2,100 कंट्रैक्ट कर्मचारियों को निकाल दिया था। कंपनी ने ओला डैश को बड़े पैमाने पर पुनर्गठित करने का निर्णय लिया, जिससे ये छंटनी हुई। इसने पिछले हफ्ते ओला डैश और यूज्ड कार डिवीजन ओला कार्स को बंद कर दिया। इससे प्रभावित कर्मियों की संख्या का अभी खुलासा नहीं किया गया है। इस बीच ओला ने 500 और कर्मचारियों को निकालने के लिए असेसमेंट करने का निर्देश जारी किया है।
यूक्रेन-रूस युद्ध, ब्याज दर बढ़ने और मंदी की अशंका बढ़ी
भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए चीजें उतनी उज्ज्वल नहीं हैं, जितनी पिछले साल थीं। कोरोना में पनपे स्टार्टअप अब यूक्रेन युद्ध का खमियाजा भुगत रहे हैं। महंगाई ने कमर तोड़ी। वेदांतु के सीईओ और सह-संस्थापक वामसी कृष्णा ने कहा, ‘युद्ध, आसन्न मंदी का डर, फेडरल ब्याज दर में वृद्धि से दबाव बढ़ा है। इस माहौल को देखते हुए आगामी तिमाहियों में पूंजी की कमी होगी।’
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