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ओला-उबर में नहीं होगा मर्जर: ओला के CEO भाविश अग्रवाल ने कहा- कंपनी बहुत प्रॉफिटेबल और अच्छी तरह से बढ़ रही, मर्जर की खबरें ‘बिल्कुल बकवास’

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  • Ola CEO Bhavish Aggarwal Said The Company Is Very Profitable And Growing Well, The Merger News “absolutely Rubbish”

नई दिल्ली31 मिनट पहले

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शेयर्ड मोबिलिटी कंपनी ओला के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर भाविश अग्रवाल ने उबर के साथ विलय की बातचीत से जुड़ी मीडिया रिपोर्टों का खंडन किया है। अग्रवाल ने ट्वीट किया कि ओला बहुत प्रॉफिटेबल है और अच्छी तरह से बढ़ रही है और अमेरिकी फर्म के साथ विलय की बातचीत की खबरें “बिल्कुल बकवास” हैं। यदि कुछ अन्य कंपनियां भारत से अपने बिजनेस से बाहर निकलना चाहती हैं तो उनका स्वागत है! हम कभी विलय नहीं करेंगे। इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया था कि दोनों कंपनियां मर्जर पर बातचीत कर रही है।

कैब और इलेक्ट्रिक बिजनेस का परफॉर्मेंस अच्छा
कुछ दिन पहले भी कंपनी ने दावा किया था कि उसका कैब सर्विस बिजनेस महीने दर महीने प्रॉफिटेबल बन रहा है और EV बिजनेस भी अच्छा परफॉर्म कर रहा है। कुछ महीने के भीतर ही ओला इलेक्ट्रिक भारत की बड़ी EV कंपनी बन गई है। कंपनी ने कहा था, ‘हम भारत में इलेक्ट्रिक क्रांति में तेजी लाने और 50 करोड़ भारतीयों को सर्व करने के लिए बहुत उत्साहित है और उसी बिजनेस पर फोकस कर रहे हैं।

ओला की अपनी कार नहीं, फिर पैसे कैसे कमाती है?
ओला सिर्फ कैब बुकिंग की सर्विस उपलब्ध कराती है। कंपनी के पास अपनी कोई कार नहीं है। ऐप के जरिए वो कस्टमर्स को कैब और ड्राइवर्स को कस्टमर से जोड़ती है। ऐप पर हुई सभी बुकिंग्स पर किराए का 15% कंपनी कमीशन लेती है।

ओला के सामने चुनौतियां कम नहीं
ओला सीधे तौर पर US की लीडिंग कंपनी ऊबर से मुकाबला करती है। इसके अलावा भारत में अन्य कॉम्पिटीटर्स में मेरू कैब, जूमकार और रैपिडो शामिल हैं। ओला ने अब तक कुल 6 अधिग्रहण किए हैं। उनमें टैक्सी फॉर श्योर, जियोटैग, क्वार्थ, फूडपांडा, रिडलर और पिकअप शामिल हैं।

कैब सर्विस को ग्लोबल बनाने और इलेक्ट्रिक व्हीकल पर फोकस
ओला ने भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और UK में अपनी कैब सर्विस शुरू की है। भाविश अग्रवाल का कहना है कि हमने भारत में एक सस्टेनेबल बिजनेस मॉडल बना लिया है। अब हम इसे ग्लोबल स्तर पर लेकर जाना चाहते हैं।

कंपनी का दूसरा फोकस मोबिलिटी को इन्वायरनमेंट फ्रेंडली बनाने पर है। भाविश का कहना है कि भारत की ज्यादातर आबादी टू व्हीलर या थ्री व्हीलर वाहनों पर चलती है। अगर इसे इलेक्ट्रिक कर दिया जाए तो इसका बड़ा इम्पैक्ट दिखेगा। हम अगले कुछ साल में 10 लाख इलेक्ट्रिक व्हीकल रोड पर देखना चाहते हैं।

टैक्सी ड्राइवर के झगड़े से निकला था आइडिया
ओला के फाउंडर भाविश अग्रवाल हैं। उन्होंने 2008 में IIT बॉम्बे से बीटेक की पढ़ाई की। कॉलेज के बाद माइक्रोसॉफ्ट रिसर्च में दो साल तक नौकरी की। इसके बाद उन्होंने एक ऑनलाइन वेबसाइट Olatrip.com शुरू की जो हॉलीडे पैकेज और वीकेंड ट्रिप प्लान करती थी।

एक दिन भाविश ने बेंगलुरु से बांदीपुर के लिए टैक्सी बुक की। रास्ते में टैक्सी ड्राइवर ने ज्यादा किराया देने की बात कही। भाविश ने इनकार किया तो ड्राइवर उन्हें बीच रास्ते छोड़कर चला गया। इस परेशानी से उन्हें एक आइडिया क्लिक किया।

उन्हें महसूस हुआ कि ऐसी समस्या का सामना करोड़ों लोग करते होंगे। भाविश ने अपनी ट्रैवल वेबसाइट को कैब सर्विस में बदलने का फैसला किया। उन्होंने IIT बॉम्बे के ही अंकित भाटी के साथ ये आइडिया शेयर किया। दोनों ने मिलकर 3 दिसंबर 2010 को ओला कैब्स लॉन्च कर दिया।

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