मुंबई14 घंटे पहले
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फ्यूचर ग्रुप और अमेजन के वकील कोर्ट के बाहर मामले को सेटल करेंगे। गुरुवार को दोनों के बीच इस तरह की सहमति बनी है। यह मामला रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप के बीच हुए सौदे को लेकर है।
18 महीने पुरानी डील है
जानकारी के मुताबिक, करीबन 18 महीने पुरानी इस डील को लेकर दोनों पक्ष आपसी सहमति पर राजी हुए हैँ। सुप्रीमकोर्ट ने गुरुवार को दोनों पक्षों को 12 दिन का समय दिया है, ताकि वे किसी फाइनल निर्णय पर पहुंच सकें। अमेजन के सीनियर वकील गोपाल सुब्रमणियन ने कहा कि हम एक सोल्यूशन दे रहे हैं जिसके जरिए इसे हल किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि पूरे समय में हम हमेशा एक आपसी बातचीत करने के लिए तैयार रहे हैं। इस मामले में कुछ दूसरा मैटर भी हो सकता है। आइए हम सभी हाथ मिलाएं और मिल जुलकर इस समस्या का समाधान खोजें।
15 मार्च को फिर से होगी सुनवाई
सुप्रीमकोर्ट ने कहा कि वह इस मामले को 15 मार्च को फिर से सुनेगा। तब तक तीनों पार्टियां रिलायंस, अमेजन और फ्यूचर रिटेल को सेटलमेंट का रास्ता निकालने को कहा है। फ्यूचर रिटेल की ओर से सीनियर वकील हरीश साल्वे और फ्यूचर कूपन की ओर से मुकुल रोहतगी सोल्यूशंस का प्रस्ताव लेकर हाजिर हुए थे।
10 दिन के लिए टाला मामला
चीफ जस्टिस एन.वी. रमना ने कहा कि हम सिंपली तरीके से इस मामले को 10 दिन के लिए टाल रहे हैं। हालांकि तब तक जेंटलमैन इसे समझ लें और रास्ता निकालें। यह बिजनेस के हित में होगा। इसी के साथ कोर्ट ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट और नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLT) में पहले के तय शेड्यूल की तरह मामले चलेंगे।
NCLT भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) के फैसले के खिलाफ अमेजन की दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा है। CCI ने अमेजन के 2019 में फ्यूचर ग्रुप में किए गए निवेश को सस्पेंड कर दिया है।
फ्यूचर रिटेल अपनी असेट रिलायंस को दे रहा है
जानकारों के मुताबिक, फ्यूचर रिटेल अपनी रिटेल स्टोर की असेट रिलायंस को धीरे-धीरे ट्रांसफर कर रहा है। अमेजन इसे रोकने के लिए कोर्ट में जाने की तैयारी में है। गौरतलब है कि एक साल से अधिक समय से अमेजन और फ्यूचर ग्रुप एक दूसरे के खिलाफ केस लड़ रहे हैं। इससे रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ 3.4 बिलियन डॉलर (24 हजार करोड़ रुपए) की असेट की बिक्री रुक गई है।
2020 से रुकी हुई है असेट सेल
अमेजन ने कुछ कांट्रैक्ट के उल्लंघन का हवाला देते हुए 2020 के बाद से रिलायंस को फ्यूचर की असेट सेल को रोक कर रखा है। जबकि भारत के दूसरे सबसे बड़े रिटेलर फ्यूचर ग्रुप ने किसी भी कांट्रैक्ट को तोड़ने से इनकार किया है। अमेजन की पोजीशन को सिंगापुर के एक आर्बिट्रेटर और भारतीय कोर्ट ने सही पाया है।
फ्यूचर के 500 स्टोर्स रिलायंस के पास
उधर, रिलायंस ने फ्यूचर के लगभग 500 स्टोर्स को अपने स्वयं के आउटलेट के रूप में रीब्रांड करना शुरू कर दिया है। रिलायंस ने पहले फ्यूचर के कुछ प्रमुख सुपरमार्केट के लीज को अपने नाम पर ट्रांसफर कर दिया था, लेकिन फ्यूचर को उनको चलाने की मंजूरी दी थी। सूत्रों ने बताया कि फ्यूचर द्वारा किराए का पेमेंट करने में विफल रहने के बाद रिलायंस ने अब उन पर अपना कब्जा करना शुरू कर दिया है।
फ्यूचर ने जानकारी छुपाई
अमेजन का आरोप है कि फ्यूचर ने कानूनी कार्रवाई के दौरान यह जानकारी छुपाई और अपने स्टोर के लीज को प्रतिद्वंद्वी रिलायंस को ट्रांसफर कर दिया। जबकि सिंगापुर के एक आर्बिट्रेटर ने चल रहे विवाद में असेट के किसी भी ट्रांसफर को रोक रखा है। फ्यूचर की असेट पर लंबी लड़ाई को भारत के तेजी से बढ़ते खुदरा बाजार में रिलायंस और अमेजन के बीच रिटेल वर्चस्व की लड़ाई के रूप में देखा जा रहा है।
फ्यूचर ने शर्तों को उल्लंघन किया
फ्यूचर-रिलायंस डील को रोकने के लिए अमेजन यही कहता आया है कि फ्यूचर ने 2019 के सौदे की शर्तों का उल्लंघन किया है। इसके मुताबिक अमेरिकी कंपनी ने भारतीय कंपनी में 20 करोड़ डॉलर का निवेश किया था। कर्ज से लदी फ्यूचर ने पहले कहा था कि अमेजन उसके खुदरा कारोबार में गलत तरीके से दखल दे रहा है।
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