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स्पोर्ट्स डेस्क2 मिनट पहले
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फीफा वर्ल्ड कप में ग्रुप स्टेज के मुकाबले खत्म हो चुके है। साथ ही 16 टीमें प्री क्वार्टर फाइनल में पहुंच चुकी है। इस बार टूर्नामेंट में अब तक कोई टीम क्लियर कर खिताब की दावेदार नहीं लग रही हैं। कारण यह है कि छोटी और हल्की मानी जाने वाली कई टीमों ने दिग्गजों को धूल चटाई है।
वर्ल्ड कप शुरू होने से पहले ब्राजील, फ्रांस, इंग्लैंड, जर्मनी और बेल्जियम को खिताब का प्रबल दावेदार माना जा रहा था। लेकिन, जर्मनी और बेल्जियम ग्रुप स्टेज में ही बाहर हो गई। अर्जेंटाना, ब्राजील, स्पेन जैसी टीमें आगे जरूर बढ़ीं लेकिन इन्हें भी लीग स्टेज में हार झेलनी पड़ी।
इस स्टोरी में हम जानेंगे कि यह वर्ल्ड कप उलटफेरों से क्यों भरा है
इससे पहले देखते इस वर्ल्ड कप के हैरान कर देने वाले नतीजे
अर्जेंटीना को सऊदी अरब ने हराया
फीफा वर्ल्ड कप 2022 में सऊदी अरब ने सबसे बड़ा उलटफेर किया। सऊदी अरब ने अर्जेंटीना को ही मैच में 2-1 से हराया। अर्जेंटीना का 36 मैचों से नहीं हारने का क्रम कतर में आखिरकार टूट ही गया।
साऊदी अरब फुटबॉल में अर्जेंटीना को हारने वाला पहला एशियाई देश बना।
फ्रांस को ट्यूनीशिया ने ग्रुप के आखिरी मैच में हराया
दोहा के एजुकेशन सिटी स्टेडियम में ग्रुप D के आखिरी मुकाबले में ट्यूनीशिया ने फ्रांस को 1-0 से हराया था। फीफा रैंकिंग में ट्यूनीशिया 30वें नंबर पर है. जबकि, फ्रांस रैंकिंग में चौथे नंबर पर है। हालांकि, क्वालिफिकेशन पक्का होने की वजह से फ्रांस ने अपने प्लेयर्स मैदान में नहीं उतारे थे। टीम के सभी बड़े सितारे जैसे एम्बाप्पे, डेम्बले और गिरोड बेंच पर थे। यहां तक कि टीम के कप्तान और गोलकीपर ह्यूगो लॉरिस भी मैच में नहीं खेले।
स्पेन हार गया जापान से
ग्रुप E के खेले गए मैचों में जापान ने बड़ा उलटफेर करते हुए स्पेन को 2-1 से हराया था। इस जीत की वजह से जापान 20 साल बाद टूर्नामेंट के नॉक आउट में अपनी जगह पक्की कर पाया।
बेल्जियम टूर्नामेंट से बाहर
बेल्जियम फीफा वर्ल्ड कप 2022 से बाहर हो गया। इससे पहले बेल्जियम 2018 वर्ल्ड कप में तीसरे नंबर पर था। वहीं 2014 वर्ल्ड कप में टीम क्वार्टर फाइनल तक गई थी। वर्ल्ड कप की दावेदार माने जाने वाली बेल्जियम टीम का बाहर हो जाना फैंस के लिए शॉकिंग रहा।
वर्ल्ड कप में अफ्रीकन टीम से पहली बार हारा ब्राजील
फीफा वर्ल्ड कप के ग्रुप G के आखिरी मुकाबले में कैमरून ने ब्राजील को 1-0 से हराकर सभी को चौंका दिया। इसी के साथ कैमरून वर्ल्डकप में ब्राजील को हराने वाला पहला अफ्रीकी देश बना गया। हालांकि जीतने के बावजूद कैमेरून प्री क्वार्टर फाइनल में नहीं पहुंच पाया।
आइए जानते है कि इस वर्ल्ड कप में उलटफेर क्यों हो रहे है
छोटी टीमों के खिलाड़ी भी बड़े कल्ब के लिए खेलते हैं
इस वर्ल्ड कप में छोटी टीम अच्छा प्रदर्शन कर रही है। इसकी मुख्य वजह है कि इनमें से कई टीमों के कुछ चुनिंदा खिलाड़ी बड़े यूरोपियन क्लबों के लिए खेलते है। जैसे साउथ कोरिया के हुएंग मं सोन इंग्लैंड के क्लब टॉटेनहेम के लिए खेलते है। अब एशियाई, अफ्रीकन और यूरोपियन टीम के बीच ज्यादा बड़ा अंतर नहीं रहा है क्योंकि इन टीमों के अधिकांश खिलाड़ी क्लबों के लिए एक साथ ही खेलते है।
सुविधाएं और लीग स्ट्रक्चर बेहतर हुईं
छोटी टीमों के देशों में सुविधाएं और लीग स्ट्रक्चर बेहतर हुई है। टीम के पास अब एनालिटिक्स, फॉरेन कोच और अच्छे ग्राउंड्स की सुविधाएं है। इस वजह से वे अब दूसरी टीमों के गेम को भी बारीकी से समझ पा रहे है। ऑस्ट्रेलिया, जापान, मोरक्को और छोटी टीमों ने इस वर्ल्ड कप में सबको चौकाया और राउंड ऑफ 16 में अपनी जगह पक्की की।
कम अटैक में ज्यादा गोल
इस वर्ल्ड कप में पिछले सालों में हुए वर्ल्ड कप के मुकाबले कम अटैक करने पर गोल होने का चांस ज्यादा रहा है। फुटबॉल वेबसाइट ऑप्टा एनालिसिस के अनुसार इस बार कम अटैक करने पर ज्यादा गोल मिले है। यानी हर गोल गोल के लिए बाकी वर्ल्ड कप की तुलना में कम बार अटैक करना पड़ा है।इस वर्ल्ड कप में एक गोल के लिए एवरेज 8.6 शॉट गोल की तरफ खेले गए। जबकि 2018 में एक गोल स्कोर करने 9.6 और 2014 वर्ल्ड कप में 9.9 शॉट खेलने की जरूरत हुई थी। इसके अलावा वर्ल्ड कप 2002 में एक गोल स्कोर करने के लिए एवरेज 11.2 शॉट गोल की तरफ मारने पड़े थे। छोटी टीमें आम तौर पर अटैक के कम मौके बना पाती हैं। लेकिन, इस कम अटैक पर पर तुलनात्मक रूप से ज्यादा गोल हुए लिहाजा उन्हें फायदा मिला।
VAR में गलतियां
इस साल वर्ल्ड कप में VAR यानी वर्चुअल असिस्टेंट रेफरी कॉन्ट्रोवर्सी से भरा हुआ है। जापान की स्पेन के खिलाफ कॉन्ट्रोवर्सी और कतर के खिलाफ इक्वाडोर के एनर वेलेंसीया का गोल खारिज करना भी शामिल है। टेक्नोलॉजी होने के बावजूद ऐसे निर्णय लेने की वजह से फैंस में नाराजगी है। VAR की गलतियों का फायदा भी छोटी टीमों को मिला है। हालांकि, यह कई मौकों पर मजबूत टीमों के पक्ष में भी गया है।
बॉल मैदान के बाहर चले गई, इसके बावजूद जापान के काओरू मितोमा ने बॉल पास की जो और तनाका ने गोल मार दिया। इससे जापान को स्पेन के खिलाफ लीड मिली और इसी गोल की वजह से ग्रुप में जापान के पॉइंट्स जर्मनी से ज्यादा हुए और जर्मनी टूर्नामेंट से बाहर हो गया।
सबसे ज्यादा जापान ने हैरान किया
जापान की टीम इस वर्ल्ड कप में दो पूर्व चैंपियनों को हरा चुकी है। उसने पहले जर्मनी और फिर स्पेन को मात देकर फुटबॉल जगत को स्तब्ध कर दिया। जापान के 5 खिलाडी इंग्लैंड की प्रीमियर लीग और 14 खिलाड़ी स्पेन की ला लीगा में खेलते है। इस वजह से उन्हें यूरोप और वहां की फुटबॉल की अच्छी समझ है।
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