ई-कॉमर्स कंपनियों को झटका: ED ने फ्लिपकार्ट पर 10,000 करोड़ रुपए जुर्माना लगाने की वार्निंग दी, अब अमेजन पर एक्शन की मांग
- Hindi News
- Business
- Amazon Vs Flipkart Walmart; Sachin Bansal And Binny Bansal Warns By Enforcement Directorate
मुंबई4 घंटे पहले
- कॉपी लिंक
![ई-कॉमर्स कंपनियों को झटका: ED ने फ्लिपकार्ट पर 10,000 करोड़ रुपए जुर्माना लगाने की वार्निंग दी, अब अमेजन पर एक्शन की मांग ई-कॉमर्स कंपनियों को झटका: ED ने फ्लिपकार्ट पर 10,000 करोड़ रुपए जुर्माना लगाने की वार्निंग दी, अब अमेजन पर एक्शन की मांग](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2021/08/05/ed-10_1628171928.jpg)
भारत में दो सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। इसमें अमेजन और वॉलमार्ट की फ्लिपकार्ट शामिल हैं। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने फ्लिपकार्ट और उसके फाउंडर्स सचिन बंसल, बिन्नी बंसल समेत निवेशक टाइगर ग्लोबल पर विदेशी निवेश कानून के उल्लंघन पर कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इसके बाद व्यापारी संगठन कैट ने अमेजन पर एक्शन की मांग कर रहा है।
नोटिस का जवाब 90 दिन में देना है
नोटिस पर फ्लिपकार्ट ने कहा है कि वह पूरी तरह से भारतीय कानूनों और नियमों का पालन करती है। हम अथॉरिटी के साथ पूरी तरह से को-ऑपरेट करेंगे। ED के नोटिस पर फ्लिपकार्ट और दूसरे पक्षों को 90 दिन में जवाब देना है। बताते चलें कि अमेरिकी ई-कॉमर्स कंपनी वॉलमार्ट ने 2018 में फ्लिपकार्ट में 16 अरब डॉलर में मैज्योरिटी स्टेक खरीदी थी।
जवाब नहीं देने पर लगेगा 10 हजार करोड़ रुपए का जुर्माना
रिपोर्ट के मुताबिक ED ने कहा है कि अगर फ्लिपकार्ट और उनके फाउंडर्स की ओर से नोटिस का जवाब नहीं मिलता है, तो उन पर 1.35 अरब डॉलर (10,000 करोड़ रुपए) का जुर्माना लगाया जा सकता है। नोटिस के मुताबिक यह मामला साल 2009 से 2015 के बीच का है।
कैट ने की अमेजन पर भी एक्शन की मांग
कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने कहा कि वह लंबे समय से फ्लिपकार्ट और अमेजन द्वारा ई-कॉमर्स के लिए विदेशी निवेश कानून के उल्लंघन करने के खिलाफ आवाज उठाता रहा है। ऐसे में फ्लिपकार्ट पर ED का एक्शन बिल्कुल सही है। अब अमेजन पर कार्रवाई का इंतजार है। क्योंकि दोनों ई-कॉमर्स कंपनियां एक नांव पर सवार हैं।
कैट ने कहा कि इन कंपनियों पर केवल भारी जुर्माना ही नहीं, बल्कि दोनों के पोर्टलों पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश करनी चाहिए। क्योंकि इन्होंने सरकार की FDI पॉलिसी का उल्लंघन किया है। फिलहाल ED विदेशी निवेश कानून के कथित उल्लंघन पर फ्लिपकार्ट और अमेजन की जांच कर रहा है।
FDI नियमों का उल्लंघन
भारत में विदेशी नियम कानून के तहत मल्टी ब्रांड रिटेल का रेगुलेशन होता है। कानून के मुताबिक ऐसी कंपनियां सेलर्स के लिए मार्केट प्लेस ऑपरेट नहीं कर सकती हैं। फ्लिपकार्ट की वेबसाइट पर विदेशी निवेशक से जुड़ी एक कंपनी WS Retail द्वारा ग्राहकों को सामान बेचने की शिकायत आई है। यह FDI नियमों का उल्लंघन है।
For all the latest Business News Click Here
For the latest news and updates, follow us on Google News.