इतिहास रचने से चुके लक्ष्य सेन: ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन टूर्नामेंट के फाइनल में डेनमार्क के विक्टर एक्सेलसन ने दी मात, 21-10, 21-15 से मुकाबला हारे
- Hindi News
- Sports
- All England Open 2022 Final Updates: Viktor Axelsen Beats Lakshya Sen Win Men’s Singles Title
लंदन7 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
विश्व चैम्पियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम करने वाले लक्ष्य सेन रविवार को खेले गए ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन टूर्नामेंट के मेन्स फाइनल मुकाबले में डेनमार्क के विक्टर एक्सेलसन से हार गए हैं। 20 साल के युवा भारतीय शटलर लक्ष्य 21-10, 21-15 से मुकाबला हारे। दोनों के बीच पिछला मुकाबला जर्मन ओपन में खेला गया था, तब लक्ष्य ने विक्टर को 21-13, 12-21, 22-20 से मात दी थी। गेम की शुरुआत से ही विक्टर ने दमदार खेल दिखाया, जिसके सामने लक्ष्य कहीं टिक नहीं पाए, हालांकि उन्होंने वापसी की कोशिश जरूर की लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी।
सेमीफाइनल में लक्ष्य ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी
पिछले मुकाबले में लक्ष्य ने मलेशिया के ली जी जिया को तीन गेम तक चले कड़े मुकाबले में 21-13, 12-21, 21-19 से हराकर पहली बार फाइनल में जगह बनाई थी। लक्ष्य पुलेला गोपीचंद के बाद फाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने थे। गोपीचंद ने 21 साल पहले 2001 में ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन टूर्नामेंट जीता था।
पिछले 6 महिने से कमाल का खेल रहे लक्ष्य
2018 के यूथ ओलिंपिक में सिलवर मेडल अपने करने वाले लक्ष्य बीते छह महीनों से कमाल का खेल दिखा रहे हैं। इसी साल जनवरी में उन्होंने इंडिया ओपन में सुपर 500 का अपना पहला खिताब जीता था और बीते सप्ताह जर्मन ओपन में वो रनर-अप रहे थे। वर्ल्ड चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल विजेता लक्ष्य ने डिफेंडिग चैंपियन ली ज़ी जिया को 21-13, 12-21, 21-19 से हराया जो मैच एक घंटा 16 मिनट तक चला।
लक्ष्य सेन ने जीत के बाद कहा था, ‘मैं खुश हूं क्योंकि मुझे महत्वपूर्ण पॉइंट्स मिले। यह एक सपना है और अब एक मैच रह गया है तो मैं अपना ध्यान केंद्रित रखूंगा और तैयारी करूंगा।’
4 साल की उम्र में जाने लगे थे स्टेडियम
लक्ष्य उत्तराखंड के अल्मोड़ा के रहने वाले हैं। उनके दादा सी.एल. सेन को अल्मोड़ा में बैडमिंटन का भीष्म पितामह कहा जाता है। लक्ष्य के पिता डी.के. सेन नेशनल लेवल पर बैडमिंटन खेल चुके हैं और नेशनल लेवल के कोच भी हैं। अभी वो प्रकाश पादुकोण अकादमी में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उनके भाई चिराग सेन ने भी इंटरनेशनल स्तर पर बैडमिंटन खेला है। लक्ष्य की मां एक टीचर हैं। लक्ष्य ने पिता की देखरेख में ही बैडमिंटन खेलना शुरू किया था। वो 4 साल की उम्र से स्टेडियम जाने लगे थे।
For all the latest Sports News Click Here
For the latest news and updates, follow us on Google News.