इंदौर की पिच को ICC ने बताया ‘खराब’: तीसरे टेस्ट के पहले दिन 16, दूसरे दिन 14 विकेट गिरे; 3 डिमेरिट पॉइंट्स कटे
स्पोर्ट्स डेस्कएक मिनट पहले
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भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच इंदौर के होलकर स्टेडियम में खेला गया टेस्ट सीरीज का तीसरा टेस्ट तीसरे दिन खत्म हो गया। 15 सेशन का खेल 7 सेशन ही चल सका। इसके बाद इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने स्टेडियम की पिच को ‘पूअर’ यानी खराब रेटिंग दी है।
मैच के पहले ओवर में पांचवीं बॉल से ही पिच उखड़ने लग गई थी। मैच रेफरी क्रिस ब्रोड ने भी बताया कि पिच पहले दिन से उखड़ने लगी और लगातार खराब होती चली गई।
3 डिमेरिट पॉइंट्स कटे
ICC के मैच रेफरी ब्रोड ने पिच को खराब रेटिंग दी। इसके साथ ही होलकर स्टेडियम को 3 डिमेरिट पॉइंट भी दिए गए। ब्रोड ने कहा कि पिच बहुत सूखा था। स्पिनर्स को बहुत ज्यादा मदद थी, इस पर बैटर और बॉलर के बीच बराबरी का मुकाबला नहीं हुआ।
पहले दिन से बॉल दब रहा था, असमान उछाल भी देखने को मिल रहा था। इस पर किसी भी तरह की स्विंग या सीम मूवमेंट भी देखने को नहीं मिला।
14 दिन में अपील कर सकता है BCCI
ICC द्वारा पिच को खराब रेटिंग मिलने के बाद अब BCCI के पास 14 दिन का समय है। BCCI 14 दिन में रेटिंग के खिलाफ अपील कर सकता है। अगर अपील नहीं की गई तो स्टेडियम पर 3 डिमेरिट पॉइंट्स बने रहेंगे। अगर 5 साल के अंदर किसी स्टेडियम को 5 डिमेरिट पॉइंट्स मिलते हैं, तो उस स्टेडियम को एक साल के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट की मेजबानी से बैन कर दिया जाता है।
होलकर स्टेडियम की पिच तीसरा टेस्ट शुरू होने से पहले कुछ इस तरह नजर आ रही थी।
नागपुर, दिल्ली से ज्यादा टर्न मिला
इंदौर की पिच पर नागपुर और दिल्ली से ज्यादा टर्न देखने को मिला। नागुपर में भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच पहला टेस्ट खेला गया, यहां 2.5 डिग्री का टर्न दिखा। यह टेस्ट भारत ने पारी और 132 रन से जीता। दिल्ली में दूसरा टेस्ट खेला गया, यहां 3.8 डिग्री तक स्पिनर्स का बॉल टर्न हुआ। यह टेस्ट भारत ने 6 विकेट से जीता। इंदौर में तीसरा टेस्ट हुआ, यहां 4.8 डिग्री तक टर्न देखने को मिला। इस मैच को ऑस्ट्रेलिया ने 9 विकेट से जीता।
हर दिन 6 बार झाड़ू लगी
मैच के पहले दिन 16 और दूसरे दिन 14 विकेट गिरे। तीसरे दिन के पहले सेशन में मैच खत्म हो गया, इसमें एक विकेट गिरा। एक दिन में 3 सेशन का खेल होता है और एक सेशन में एक बार ड्रिंक्स ब्रेक होता है। इंदौर टेस्ट के दौरान हर ड्रिंक्स और सेशन ब्रेक में झाड़ू लग रही थी।
पिच से लगातार मिट्टी हटाई जा रही थी और ये मिट्टी बहुत ज्यादा मात्रा में थी। फोटोज में भी ये साफ तौर पर नजर आया कि पिच बहुत ज्यादा ही उखड़ रही थी।
होलकर स्टेडियम की पिच बहुत ज्यादा उखड़ रही थी और यहां हर ब्रेक के बीच झाड़ू लगाने की जरूरत पड़ रही थी।
2 सेशन में ही ऑलआउट हो गया भारत
एक मार्च को मैच शुरू हुआ। भारत ने टॉस जीतकर बैटिंग चुनी और पहले सेशन में ही टीम का स्कोर 84 रन पर 7 विकेट हो गया। टीम 33.2 ओवर ही बैटिंग कर सकी और 109 रन पर ऑलआउट हो गई। स्पिनर्स ने 10 में से 9 विकेट लिए, जबकि एक बैटर रनआउट हुआ।
83.87% विकेट स्पिनर्स को मिले
ऑस्ट्रेलिया भी पहली पारी में 197 रन ही बना सका। इस पारी के 10 में से 7 विकेट स्पिनर्स को मिले, जबकि 3 पेसर ने लिए। तीसरी पारी में भारत 60.3 ओवर बैटिंग कर 163 रन बना सका। इस बार भी स्पिनर्स को 9 विकेट मिले, जबकि एक विकेट तेज गेंदबाज को मिला। आखिरी पारी में ऑस्ट्रेलिया को 76 रन का टारगेट मिला। टीम ने एक विकेट पर लक्ष्य हासिल कर लिया। ये विकेट भी स्पिनर ने ही लिया।
जैसा कि मैच रेफरी ने बताया, पिच स्पिनर्स के लिए ज्यादा मददगार थी। क्योंकि मैच के 31 में से 26 विकेट स्पिनर्स को ही मिले। 4 विकेट पेसर ने लिए और एक बैटर रनआउट हुआ। यानी मैच के 83.87% विकेट स्पिनर्स ने ही चटकाए।
इंदौर टेस्ट में स्पिनर्स ने कुल 26 विकेट चटकाए। ऑस्ट्रेलिया के नाथन लायन को सबसे ज्यादा 11 विकेट मिले। इस प्रदर्शन के लिए प्लेयर ऑफ द मैच का अवॉर्ड दिया गया।
नागपुर, दिल्ली को मिली थी एवरेज रेटिंग
ICC के मैच रेफरी द्वारा हर इंटरनेशनल क्रिकेट मैच के बाद पिच और स्टेडियम को रेटिंग दी जाती है। 6 पॉइंट की यह रेटिंग मैदान की पिच और आउटफील्ड को लेकर होती है। इनमें वेरी गुड, गुड, एवरेज, बिलो एवरेज, पुअर और अनफिट कैटेगरी होती है।
इंदौर को एवरेज रेटिंग तक पिच खेलने लायक होती है, लेकिन उससे नीचे रेटिंग मिलने पर स्टेडियम को डिमेरिट पॉइंट्स मिलते हैं। नागपुर और दिल्ली में भी टेस्ट मैच तीसरे दिन ही खत्म हो गया था, लेकिन उन दोनों स्टेडियम को ICC ने एवरेज रेटिंग दी थी और वहां की पिच को खेलने लायक बताया था।
पहले धर्मशाला में होना था तीसरा टेस्ट
इंदौर को टेस्ट मैच की पिच तैयार करने के लिए बहुत कम समय मिला। क्योंकि बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का तीसरा टेस्ट पहले धर्मशाला में होना था, लेकिन वहां की आउटफील्ड तैयार नहीं होने के कारण टेस्ट को इंदौर में शिफ्ट किया गया। मध्य प्रदेश क्रिकेट स्टेडियम (MPCA) ने फिर 15 से 17 दिन के अंदर पिच तैयार की। जिस पर 15 में से 7 सेशन का ही खेल हो सका।
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