आखिरी मैच में कोच रवि शास्त्री के खरे बोल: खिलाड़ियों में पेट्रोल डालकर नहीं भगाया जा सकता, 6 महीने बायो-बबल में रहकर आप वर्ल्ड कप कैसे जीतेंगे
10 मिनट पहले
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भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान और कोच के रूप में विराट कोहली और रवि शास्त्री युग का आज खत्म हो रहा है। रविवार को अफगानिस्तान की हार के साथ ही भारतीय टीम की सेमीफाइनल में पहुंचने की उम्मीदें खत्म हो चुकी हैं। लिहाजा नामीबिया के खिलाफ मैच के नतीजे का टूर्नामेंट पर कोई असर नहीं होगा और इसके साथ ही भारत का अभियान भी खत्म हो जाएगा।
विराट कोहली ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि यह टूर्नामेंट बतौर कप्तान उनका आखिरी टी-20 असाइनमेंट होगा। वहीं, कोच रवि शास्त्री हर फॉर्मेट में अपना पद छोड़ रहे हैं। मैच से पहले स्टार स्पोर्ट्स से बात करते हुए रवि शास्त्री ने अपने कार्यकाल के बारे में बात की है। उन्होंने क्या कहा है, आइए आपको बताते हैं।
खिलाड़ी इंसान हैं मशीन नहीं
रवि शास्त्री से जब पूछा गया की टी-20 में खराब प्रदर्शन की क्या वजह रही इस पर उन्होंने कहा कि पहली बात तो ये खिलाड़ी हैं मशीन नहीं आप मशीन में पेट्रोल डालकर चला सकते हैं, लेकिन हमारे खिलाड़ी इंसान हैं। 6 महीने से ये बायो-बबल में हैं। लगातार क्रिकेट खेल रहे हैं। वर्ल्ड कप के लिए आपको फ्रेश रहना होता है। ICC को टूर्नामेंट को शेड्यूल करने से पहले ये सोचना चाहिए था।
रवि शास्त्री ने आगे कहा कि हमने पिछले 5 साल में कमाल की क्रिकेट खेली है। 70 साल में कोई भी एशिया की टीम ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज नहीं जीत पाई थी। हम वहां दो बार सीरीज जीते। हमने जो किया वो कोई नहीं कर पाया। हम ऑस्ट्रेलिया में जीते, इंग्लैंड में जीते साउथ अफ्रीका में जीते। ये टीम बहुत आगे जाएगी।’
2017 में बने थे टीम इंडिया के कोच
रवि शास्त्री साल 2017 में टीम इंडिया के हेड कोच बने थे। उनकी कोचिंग में भारतीय टीम ने 2019 के वनडे वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल और 2021 के वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल तक का सफर तय किया था। शास्त्री के कार्यकाल में टीम इंडिया ने लगातार दो बार ऑस्ट्रेलिया की सरजमीं पर टेस्ट जीतने का रिकॉर्ड बनाया था।
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