अवनी लेखरा ने पैरा-स्पोर्ट्स वर्ल्ड कप में जीता गोल्ड मेडल: सोशल मीडिया पर जाहिर की खुशी, कहा- अब अगले मुकाबले का इंतजार
जयपुरकुछ ही क्षण पहले
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जयुपर की रहने वाली अवनी लेखरा ने गोल्ड मैडल जीत एक बार फिर भारत का नाम दुनियाभर में रोशन किया है। जिसके बाद उनके परिवार में खुशी का माहौल है।
गोल्डन गर्ल अवनी लेखरा ने एक बार भारत का नाम दुनियाभर में रोशन किया है। शुक्रवार को अवनी ने ओजिसेक में आयोजित वर्ल्ड शूटिंग पैरा स्पोर्ट्स वर्ल्ड कप में गोल्ड मेडल अपने नाम किया। R-2 10 मीटर एयर राइफल चैंपियनशिप में अवनी का मुकाबला स्लोवाकिया की वेरोनिका और यूक्रेन इरीना से हुआ था। जिसमें अवनी ने 248.3 पॉइंट से हासिल कर हासिल कर वर्ल्ड चैंपियनशिप अपने नाम की।
फाइनल मुकाबले के दौरान अवनी लेखराज शुरुआत से ही गीत बनाए हुए थी। उन्होंने 248.3 पॉइंट के साथ गोल्ड मेडल अपने नाम किया।
वहीं अपनी शानदार जीत पर अवनी ने भी ट्वीट कर खुशी जाहिर की। उन्होंने लिखा की ओसिजेक 2023 WSPS वर्ल्ड कप की शानदार शुरुआत। R2 10 मीटर एयर राइफल SH1 इवेंट में गोल्ड मेडल जीता। अब अगले मुकाबले का इंतजार कर रही हूँ। उम्मीद है इसी गति को जारी रख सकू।
गोल्ड मेडल जीतने के बाद अवनी ने अपने प्रतिद्वंदी खिलाड़ियों के साथ सोशल मीडिया पर फोटो शेयर की।
अपने शानदार खेल की बदौलत अवनी लेखरा को अब तक पद्मश्री मेजर, ध्यानचंद खेल रत्न, यंग इंडियन ऑफ द ईयर, पैरा एथलीट ऑफ द ईयर समेत कई पुरस्कार मिल चुके हैं। उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने भी उनके लिए एक स्पेशल XUV-700 कस्टमाइज करवा उन्हें गिफ्ट की थी। जिसे अवनी कई बार चलाती हुई भी नजर आ चुकी है।
अपने शानदार खेल की बदौलत अवनी अब तक करोड़ों रुपए के पुरस्कार जीत चुकी है।
राजस्थान सरकार ने भी अपनी को नगद पुरस्कार के साथ ही वन विभाग में एसीएफ के पद पर नियुक्ति दी थी। वहीं महिला एवं बाल विकास विभाग ने उन्हें बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ की ब्रांड एंबेसडर बना रखा है।
अवनी ने टोक्यो पैरालिंपिक में गोल्ड जीता था।
अवनी लेखरा ने टोक्यो में खेले गए पैरालिंपिक गेम्स 2020 में शानदार प्रदर्शन करते हुए 10 मीटर एयर राइफल एसएच-1 स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीता था। उन्हें 50 मीटर राइफल में ब्रॉन्ज भी मिला था। वे पैरालिंपिक में 2 मेडल जीतने वाली भारत की पहली पैरा एथलीट हैं।
अवनी लखेरा 11 साल की उम्र में एक कार हादसे का शिकार हो गई थीं और उनकी रीढ़ की हड्डी टूट गई थी। इस एक्सीडेंट की वजह से वे डिप्रेशन में भी चली गई थीं। ऐसे में पिता ने खेलों में हिस्सा लेने का सुझाव दिया।
फिर अवनी ने बीजिंग ओलिंपिक गेम्स के गोल्ड मेडलिस्ट अभिनव बिंद्रा की बायोग्राफी ‘अ शॉट एट हिस्ट्री’ पढ़ी। इसके बाद शूटिंग के प्रति वो और ज्यादा गंभीर हो गईं। अवनि ने 2015 में जयपुर के जगतपुरा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स से शूटिंग की ट्रेनिंग शुरू की।
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