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अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी: मार्च तिमाही में GDP ग्रोथ 4.1% हुई, FY22 में 8.7% की रफ्तार से बढ़ी इकोनॉमी

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नई दिल्ली43 मिनट पहले

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सरकार ने 2021-22 की मार्च तिमाही के साथ-साथ पूरे वित्त वर्ष (FY22) के लिए ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट यानी GDP के आंकड़े मंगलवार को जारी किए। मिनिस्ट्री ऑफ स्टैटेस्टिक्स एंड प्रोग्राम इम्प्लीमेंटेशन (MoSPI) की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक मार्च तिमाही में GDP ग्रोथ 4.1% रही है। पिछले साल की समान तिमाही में ये 2.5% थी। पूरे साल (FY22) में GDP ग्रोथ 8.7% रही जो FY21 में -6.6% थी।

मार्च तिमाही में GVA ग्रोथ (YoY) 5.7% से घटकर 3.9% हो गई। पूरे साल यानी FY22 में GVA ग्रोथ 8.1% रही जो कि एक साल पहले यानी FY21 में 4.8% थी। वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही (अप्रैल, मई और जून) में GDP ग्रोथ 20.1% रही थी। दूसरी तिमाही (जुलाई, अगस्त और सितंबर) में GDP ग्रोथ रेट 8.4% और तीसरी तिमाही (अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर) में ये 5.4% की रफ्तार से बढ़ी थी।

GDP क्या है?
GDP इकोनॉमी की हेल्थ को ट्रैक करने के लिए उपयोग किए जाने वाले सबसे कॉमन इंडिकेटर्स में से एक है। GDP देश के भीतर एक स्पेसिफिक टाइम पीरियड में प्रड्यूज सभी गुड्स और सर्विस की वैल्यू को रिप्रजेंट करती है। इसमें देश की सीमा के अंदर रहकर जो विदेशी कंपनियां प्रोडक्शन करती हैं उसे भी शामिल किया जाता है। जब इकोनॉमी हेल्दी होती है, तो आमतौर पर बेरोजगारी का लेवल कम होता है।

दो तरह की होती है GDP
GDP दो तरह की होती है। रियल GDP और नॉमिनल GDP। रियल GDP में गुड्स और सर्विस की वैल्यू का कैल्कुलेशन बेस ईयर की वैल्यू या स्टेबल प्राइस पर किया जाता है। फिलहाल GDP को कैल्कुलेट करने के लिए बेस ईयर 2011-12 है। यानी 2011-12 में गुड्स और सर्विस के जो रेट थे उस हिसाब से कैल्कुलेशन। वहीं नॉमिनल GDP का कैल्कुलेशन करेंट प्राइस पर किया जाता है।

कैसे कैल्कुलेट की जाती है GDP?
GDP को कैल्कुलेट करने के लिए एक फॉर्मूले का इस्तेमाल किया जाता है। GDP=C+G+I+NX, यहां C का मतलब है प्राइवेट कंजम्पशन, G का मतलब गवर्नमेंट स्पेंडिंग, I का मतलब इन्वेस्टमेंट और NX का मतलब नेट एक्सपोर्ट है।

GVA क्या है?
ग्रॉस वैल्यू ऐडेड यानी GVA से किसी अर्थव्यवस्था में होने वाले कुल आउटपुट और इनकम का पता चलता है। यह बताता है कि एक तय अवधि में इनपुट कॉस्ट और कच्चे माल का दाम निकालने के बाद कितने रुपए की वस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन हुआ। इससे यह भी पता चलता है कि किस खास क्षेत्र, उद्योग या सेक्टर में कितना उत्पादन हुआ है।

साधारण शब्दों में कहा जाए तो GVA से इकोनॉमी के ओवरऑल हेल्थ के बारे में बताने के अलावा, यह भी बताता है कि कौन से सेक्टर संघर्ष कर रहे हैं और कौन से रिकवरी को लीड कर रहे हैं। नेशनल अकाउंटिंग के नजरिए से देखें तो मैक्रो लेवल पर GDP में सब्सिडी और टैक्स निकालने के बाद जो आंकड़ा मिलता है, वह GVA होता है।

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