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अमेजन और फ्लिपकार्ट घेरे में: CCI ने फिर से दोनों कंपनियों की जांच में लाई तेजी, प्रतिस्पर्धा नियमों के उल्लंघन का आरोप

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  • Amazon Flipkart Case: India CCI Expedite Its Investigation Into Allegations Of Anti competitive Behaviour

मुंबई2 मिनट पहले

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  • अमेरिका की बड़ी-बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों पर डेटा की गोपनीयता भंग करने का आरोप लगा है
  • यह मामला अभी भी देश में पहले से ही सरकार और इन कंपनियों के बीच टकराव पैदा किया है

एक तरफ जबकि कि देश में बड़ी टेक फर्मों की जांच तेज हो गई है तो दूसरी ओर भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) अमेजन और फ्लिपकार्ट पर प्रतिस्पर्धी व्यवहार विरोधी (anti-competitive behaviour) के आरोपों की फिर से जांच में तेजी ला रहा है। यह ऐसे समय में हो रहा है जब अमेरिका की बड़ी-बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों पर डेटा की गोपनीयता भंग करने का आरोप लगा है।

ट्विटर और फेसबुक पर आरोप

जिन टेक कंपनियों पर गोपनीयता भंग करने का आरोप लगा है उसमें जिनमें ट्विटर और फेसबुक भी शामिल हैं। भारत सरकार से भी उनके रिश्ते खराब हो चले हैं। इसे इंडस्ट्री के कुछ एग्जीक्यूटिव ने संरक्षण वादी नीति करार दिया है। CCI ने पिछले साल जनवरी में एक शिकायत के आधार पर जांच शुरू की थी। इसमें अमेजन और फ्लिपकार्ट पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने अपने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर चुनिंदा सेलर्स को प्रमोट किया। इसमें ज्यादा डिस्काउंट ने प्रतिस्पर्धा को दबा दिया। हालांकि कंपनियों ने ऐसे कोई भी गलत काम करने से इनकार किया है।

CCI ने आरोपों से संबंधित जानकारी को जल्द से जल्द मांगने की योजना बनाई

हालांकि अमेजन और फ्लिपकार्ट द्वारा अपील किये जाने की संभावना है, लेकिन CCI ने आरोपों से संबंधित जानकारी को जल्द से जल्द मांगने की योजना बनाई है। जांच में तेजी लाई जाएगी। भारत में इस तरह की जांच को आम तौर पर पूरा होने में महीनों लग जाते हैं। CCI के कामकाज से वाकिफ दो लोगों ने कहा कि CCI बड़ी टेक्नोलॉजी फर्मों से जुड़े सभी मामलों में तेजी ला रहा है। इसमें कुछ मामलों के लिए अतिरिक्त अधिकारियों की तैनाती की जा सकती है और स्ट्रिक्ट डेडलाइन तय करना शामिल है।

डिजिटल फर्मों से जुड़े मामलों को CCI में प्राथमिकता मिल रही है

एक जानकार ने कहा कि डिजिटल फर्मों से जुड़े मामलों को CCI में प्राथमिकता मिल रही है क्योंकि उनका अर्थव्यवस्था और भारतीय स्टार्टअप्स पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है। पिछले साल CCI ने गूगल की स्मार्ट टीवी बाजार में अपने एंड्रायड ऑपरेटिंग सिस्टम की स्थिति का दुरुपयोग करने के आरोपों की समीक्षा शुरू की थी। इसमें जल्द ही एक व्यापक एंटीट्रस्ट जांच का आदेश दे सकती है। इस तरह की जांच गूगल के खिलाफ तीसरी होगी, जिसमें गूगल पहले से ही एंड्रायड के साथ-साथ उसके पेमेंट ऐप से संबंधित मामलों से जूझ रहा है।

प्राइवेसी पॉलिसी में बदलाव के तरीकों की भी जांच

CCI फेसबुक के वॉट्सऐप और मेकमाई ट्रिप की प्राइवेसी पॉलिसी में बदलाव के तरीकों की भी जांच कर रहा है। अमेजन और फ्लिपकार्ट की जांच ऐसे समय में फिर से शुरू हो रही है जब दोनों ऑफलाइन रिटेलर्स के आरोपों से जूझ रहे हैं कि उनके कारोबारी तरीके उन्हें ई-कॉमर्स के लिए विदेशी निवेश नियमों को दरकिनार करने की अनुमति देती हैं।

फरवरी में जांच हुई थी

फरवरी में अमेजन के दस्तावेजों के आधार पर जांच से पता चला था कि उन्होंने सालों से ई-टेलर को अपने भारतीय प्लेटफॉर्म पर सेलर्स के एक छोटे समूहों जैसा तरजीही बर्ताव (preferential treatment) किया। CCI ने जांच फिर से शुरू करने का तर्क देते हुए कर्नाटक राज्य की एक अदालत को बताया कि सबूतों से इसकी पुष्टि हुई है। अमेज़न ने हालांकि रिपोर्ट को दरकिनार कर दिया।

टेक फर्मों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक एंटीट्रस्ट वकील ने कहा कि ऐसे मामलों पर तेजी से आगे बढ़ने की CCI की योजना विश्व स्तर पर अन्य एंटीट्रस्ट नियामकों के अनुरूप है जो ई-कॉमर्स और ऑनलाइन सर्च जैसे डिजिटल बाजारों की जांच कर रहे हैं।

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