अपने फैसले पर बोले फेडरर: काफी सोचने के बाद लिख सका संन्यास; अब नजर अपने देश से नया सुपरस्टार खोजने पर
लंदन3 मिनट पहले
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रोजर फेडरर का कहना है कि संन्यास लेने का फैसला उन्होंने तब किया, जब उन्हें लगने लगा था कि अब वे चोट के कारण खेलना जारी नहीं रख सकेंगे। 20 बार के ग्रैंड स्लैम चैम्पियन फेडरर ने पिछले हफ्ते घोषणा की थी कि 23 सितंबर से शुरू होने वाला लेवर कप उनका आखिरी एटीपी टूर्नामेंट होगा। वे लेवर कप में डबल्स मुकाबला खेलेंगे।
41 साल के स्विस टेनिस खिलाड़ी फेडरर ने कहा, “पिछले तीन साल मेरे लिए काफी कठिन रहे हैं। मुझे पता था कि जब से मैंने विम्बलडन खेला, उसके बाद से कोर्ट से लगातार दूरी बढ़ रही थी। ईमानदारी से कहूं तो मैंने वापस आने की कोशिश की थी, लेकिन मेरी भी अपनी सीमा है।’
फेडरर का कहना है कि उन्होंने रिटायरमेंट के बाद के लिए कोई खास योजना नहीं बनाई है। उन्होंने संकेत दिया है कि वे स्विट्जरलैंड से टेनिस की युवा प्रतिभा को सामने लाने के लिए कोचिंग शुरू करेंगे। उन्होंने कहा, “मैं स्विट्जरलैंड से नया टेनिस स्टार तलाशना चाहता हूं।
लेवन कप से पहले रोजर फेडरर ने कहा- ‘कुछ महीने पहले मेरा स्कैन हुआ था और उसकी रिपोर्ट्स वैसी नहीं थी, जैसी मुझे उम्मीद थी। तब मुझे लगने लगा था कि संन्यास लेना चाहिए। फिर सवाल यह था कि संन्यास की घोषणा कब और कैसे करें? वह वक्त काफी तनावपूर्ण था।’
हमेशा अपने रिटायरमेंट के विचारों से दूर रहा
फेडरर ने सोशल मीडिया पर पांच पेज की चिट्ठी लिखकर संन्यास की घोषणा की थी। फेडरर ने कहा, ‘उन शब्दों को लिखने के लिए मुझे कई हफ्ते लगे। मैं चाह रहा था कि जैसा महसूस कर रहा हूं, उसे शब्दों की शक्ल दे सकूं। मैं हमेशा अपने रिटायरमेंट के विचारों से दूर रहा हूं। जितना मैं इस बारे में सोचता, उतना पहले अलविदा कह चुका होता। इसलिए सोचा कि जब ऐसा वक्त आएगा, उस समय ही इससे निपटूंगा।’
उम्मीद से ज्यादा हासिल करने की बेहद खुशी
- फेडरर का कहना है कि उन्होंने कभी कल्पना नहीं की थी कि इतनी सफलता मिलेगी। इतना कुछ हासिल कर सका, उसकी बेहद खुशी है।
- स्विस किंग 310 हफ्ते तक वर्ल्ड नंबर-1 रहे, जिसमें 237 हफ्ते लगातार टॉप पर बने रहे। उन्होंने 103 एटीपी सिंगल्स टाइटल जीते।
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