अनलॉक में मिल रही रियायतों का असर: जुलाई में पेट्रोल-डीजल की मांग बढ़ी, कोरोना काल से पहले की तुलना में ज्यादा खपत हुई
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नई दिल्ली35 मिनट पहले
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लॉकडाउन की सख्ती कम होने से अब देश में पेट्रोल-डीजल की मांग फिर बढ़ने लगी है। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक जुलाई 2021 में देश में 23.7 लाख (2.37 मिलियन) टन पेट्रोल की खपत हुई है। ये जुलाई 2020 के मुकाबले 17% और जुलाई 2019 की तुलना में 3.56% ज्यादा है।
डीजल की खपत भी बढ़ी
जुलाई 2021 में 54.5 (5.45 मिलियन) टन डीजल की खपत हुई। ये जुलाई 2020 के मुकाबले 12.6% ज्यादा है। हालांकि कोरोना काल से पहले यानी जुलाई 2019 के मुकाबले ये अब भी 10.9% कम है।डीजल की खपत आर्थिक ग्रोथ का पैमाना माना जाता है। इसके अलावा भारत में रिफाइंड फ्यूल बिक्री में डीजल की हिस्सेदारी 40% की है।
सितंबर में LPG गैस बिक्री 4.05% बढ़ी
कुकिंग गैस यानी LPG की बिक्री भी सालाना आधार पर जुलाई में 4.05% बढ़कर 23.6 लाख टन (2.36 मिलियन टन) हो गई है। वहीं जुलाई 2019 के मुकाबले जुलाई 2021 में LPG की खपत 7.55% बढ़ी है।
जेट फ्यूल की बात करें तो जुलाई 2021 में इसकी खपत 2.91 लाख टन रही। ये जुलाई 2020 के मुकाबले 29.5% ज्यादा है। हालांकि अगर जुलाई 2019 की बात की जाए तो ये तक के मुकाबले 53.1% कम है।
पेट्रोलियम प्रोडक्ट पर टैक्स लगाकर सरकार ने की 4.54 लाख करोड़ की कमाई
2014 में मोदी सरकार आने के बाद वित्त वर्ष 2014-15 में पेट्रोलियम प्रोडक्ट पर एक्साइज ड्यूटी से 1.72 लाख रुपए की कमाई हुई थी। 2020-21 में यह आंकड़ा 4.54 लाख करोड़ रुपए पहुंच गया। यानी सिर्फ 6 सालों में ही एक्साइज ड्यूटी से केंद्र सरकार की कमाई करीब 3 गुना बढ़ गई है। वहीं राज्यों को पेट्रोल-डीजल पर वैट लगाने से होने वाली कमाई 6 साल में 43% बढ़ी है।
वित्त वर्ष 2014-15 में इससे होने वाली कमाई 1.37 लाख करोड़ थी जो 2020-21 में बढ़कर 2.03 लाख करोड़ पर पहुंच गई। कोरोना की वजह से लगाए गए लॉकडाउन के बावजूद भी सरकार ने पेट्रोल- डीजल पर भारी टैक्स वसूलकर अपना खजाना भरा है।
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