सिमडेगा2 घंटे पहलेलेखक: नरेंद्र अग्रवाल
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सिमडेगा की बेटियां बेहतरीन डिफेंडर सलीमा टेटे और तेजतर्रार स्ट्राइकर संगीता कुमारी नेशनल-इंटरनेशनल हॉकी में कमाल दिखा चुकी हैं। दाेनाें मिडिल स्कूल में पढ़ रहीं थीं, तभी उनका सलेक्शन हॉकी सेंटर के लिए हो गया था। जनजातीय बहुल सिमडेगा के ग्रामीण परिवेश में पढ़ी-बढ़ी सलीमा और संगीता काे स्कूलों में अंग्रेजी शिक्षा नहीं मिलने के कारण विदेश में भाषाई दिक्कत होती थी।
मैच के दौरान वे रेफरी या विदेशी खिलाड़ियों की बातें समझ नहीं पातीं। इससे उनका कॉन्फिडेंस भी कम रहता है। उनकी इसी कमजोरी से सीख लेते हुए भारतीय हॉकी संघ ने अब सिमडेगा के खिलाड़ियाें काे अंग्रेजी भाषा सिखाना शुरू किया है। हॉकी सिमडेगा ने अंग्रेजी सिखाने के लिए प्रतिमा तिर्की काे जिम्मेवारी साैंपी है।
अंग्रेजी जानने से विदेश में नहीं हाेेती परेशानी : सलीमा-संगीता
ओलिंपियन हॉकी खिलाड़ी सलीमा टेटे और राष्ट्रीय महिला हॉकी टीम की स्ट्राइकर संगीता कुमारी ने कहा कि जब आप विदेशी मैदान पर खेल रहे हाें ताे अंग्रेजी भाषा बहुत जरूरी है। आप अंग्रेजी बाेलते और समझते हैं ताे रेफरी और विदेशी खिलाड़ियाें की बात समझ सकते हैं। उनके मूवमेंट काे समझ सकते हैं। इसका फायदा मानसिक रूप से भी मिलता है। मन में हीन भावना नहीं आती। हमने अंग्रेजी सीखी। इसका हमें काफी फायदा हुआ।
खेल के चक्कर में कई खिलाड़ी पढ़ाई भी पूरी नहीं कर पाते
हॉकी सिमडेगा के अध्यक्ष मनोज कोनबेगी का कहना है कि हॉकी की नर्सरी सिमडेगा के दर्जनों खिलाड़ी साल भर राष्ट्रीय एवं अन्य खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए इधर उधर जाते रहते हैं। इस बीच उनकी पढ़ाई छूट जाती है और सिलेबस पूरा नहीं हो पाता है। परिणाम स्वरूप उनका शैक्षणिक रिजल्ट बेहतर नहीं हो पाता है। इसके कारण भविष्य में वे कई प्रतियोगी परीक्षाओं में पिछड़ जाते हैं।
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