पेरिसकुछ ही क्षण पहले
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बेल्जियम के 24 साल के साइक्लिस्ट जैस्पर फिलिप्सन टूर डी फ्रांस की 15वीं स्टेज में टॉप पर रहे। एल्पेकिन-डीसीयूनिक के फिलिप्सन ने 202.5 किमी की स्टेज चार घंटे 27.27 मिनट में पूरी की। इसी तरह बेल्जियम के ही वाउट वैन एर्टे दूसरे और डेनमार्क के मैड्स पेडर्सन तीसरे स्थान पर रहे।
इस स्टेज के दौरान जंबो-विस्मा टीम के जोनास विन्गेगार्ड एक दुर्घटना में बाल-बाल बच गए, लेकिन उनकी टीम के दो साथी लापता हो गए। डेनमार्क के जोनास 15 स्टेज के बाद ओवरऑल टॉप पर चल रहे हैं।
टूर डी फ्रांस 119 साल पुरानी रेस है। यह साइक्लिंग की सबसे प्रतिष्ठित रेस है। 1903 में अखबार l’equipe की बिक्री बढ़ाने के लिए शुरू की गई थी। रेस का चैंपियन 24 जुलाई को मिलेगा। 3,349.8 किमी की होती है रेस, इसमें 21 स्टेज होती हैं।
रेस के दौरान जैस्पर फिलिप्सन्र। चैंपियन 24 जुलाई को मिलेगा।
ऐसे हुई थी शुरुआत
1900 के आस-पास फ्रांस में साइकिल रेस लोकप्रिय थी। अखबार की बिक्री बढ़ाने के लिए रेस कराने का फैसला हुआ। यहीं से टूर डी फ्रांस शुरू हुआ। रेस में हर स्टेज का अलग-अलग विजेता होता है। हर स्टेज के विजेता के टाइम को जोड़ा जाता है, जो रेस पूरी करने में सबसे कम समय लेता है, वह चैंपियन बनता है। उसे यलो जर्सी मिलती है। इस बार 13वीं स्टेज सबसे छोटी 27.2 किमी की थी। जबकि सबसे लंबी सातवीं स्टेज (230 किमी) थी।
चैंपियंस को मिलते हैं 3.8 करोड़ रुपए
टूर डी फ्रांस दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित और पुरानी साइक्लिंग रेस है। फ्रांस में 1903 में पहली बार यह रेस हुई थी। उसके बाद हर साल होने लगी। रेस की प्राइज मनी 18 करोड़ रुपए है। चैम्पियन को 3.8 करोड़ रुपए मिलते हैं।
रेस का रूट हर साल बदलता है
यह यूनियन साइक्लिस्ट इंटरनेशनल (यूसीआई) वर्ल्ड टूर इवेंट है। इसमें यूसीआई वर्ल्ड टीमें हिस्सा लेती हैं। यह रेस हर साल जुलाई में ही होती है। लेकिन हर साल रूट बदल दिया जाता है। यह इंटर-नेशन रेस है। यानी यूरोप के अलग-अलग देश में होती है। यह रेस शुरू किसी भी शहर से हो, लेकिन खत्म पेरिस में ही होती है।
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