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नई दिल्ली5 मिनट पहले
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शेयर बाजार से जुड़े बिजनेसमैन राकेश झुनझुनवाला अपने अकासा एयर को टेकऑफ कराने की तैयार में लगे हैं। कंपनी अपने कर्मचारियों को अट्रैक्ट करने के लिए स्टॉक पेशकश करने की योजना बना रही है। कंपनी का कहना है कि सेलेक्टेड सीनियर एग्जीक्यूटिव की बजाय टॉप एम्पलॉई के बड़े पूल को कंपनी शेयर देगी। बता दें कि अकासा एयर बोइंग 737 मैक्स विमान मिलने के साथ मई के अंत या जून की शुरुआत में टेकऑफ कर सकती है।
कंपनी ने बताया कि इन दिनों एविएशन इंडस्ट्री में टैलेंट की कमी हो रही है। महामारी की वजह से कई एयरलाइंस ने हजारों कर्मचारियों की छंटनी कर दी। कई पायलटों ने नौकरी छोड़ दी, या जल्दी रिटायरमेंट ले लिया। कई अपने करियर में लाइन बदल रहे हैं। ऐसे में अच्छे कर्मचारियों को लुभाने के लिए कंपनी शेयर देने का अनूठा तरीका अपना रही है। झुनझुनवाला ने शुरुआत में एयरलाइन में 35 मिलियन डॉलर (करीब 262 करोड़ रुपए) का निवेश किया है।
कर्मचारियों की दुर्दशा को देखकर दुख होता है: CEO
- अकासा एयर के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (CEO) विनय दुबे ने कहा कि हम एक ऐसा ऑर्गनाइजेशन चाहते हैं जो वैल्यू के स्तर पर सख्त हो, लेकिन अनुभव, जेंडर और लोकेशन में विविधतापूर्ण हो। कोविड महामारी की वजह से एविएशन इंडस्ट्री को काफी नुकसान हुआ है। दिवालिया हो चुके इंडियन एविएशन के कर्मचारियों की दुर्दशा को देखकर दुख होता है। हम उनके लिए घर बनाना चाहते हैं। जहां वे खुश रहें।
- दुबे ने बताया कि अकासा ने अपने कर्मचारियों को स्टॉक ऑप्शन देने की योजना बनाई है। यह भारत की अधिकांश एयरलाइंस की तुलना में बहुत ज्यादा है। उम्मीद है कि ये कई टेक स्टार्टअप की याद दिलाएंगे, जहां पर स्टॉक की वजह से कर्मचारी के पास ओनरशिप है। हालांकि, एयर क्रू या रेगुलर पायलटों को स्टॉक ऑप्शन देने का कोई सुझाव नहीं है।
50 कर्मचारियों को नौकरी पर रखा
दुबे ने बताया कि ऑफिस के काम-काज के लिए अकासा ने 50 एम्पलाई को नौकरी पर रखा है। वो अब पायलट, फ्लाइट अटेंडेंट और एयरपोर्ट स्टॉप की भर्ती कर रहा है। अकासा की वेबसाइट के करियर पेज पर ऑरेंज और पर्पल कलर से ‘इट्स योर स्काई’ की टैगलाइन के साथ ब्रांड को हाईलाइट किया गया है। यहां इस बात को भी मेंशन किया गया है कि बहुत सारी एप्लिकेशन मिलने के बाद नई एप्लिकेशन को रोक दिया गया है।
एविएशन इंडस्ट्री को 60 हजार करोड़ का घाटा हुआ
दुबे ने आगे कहा कि भले ही स्टॉक देने का ऑप्शन चापलूसी भरा हो, लेकिन वे नहीं चाहते कि इतने सारे लोग बेरोजगार रहें या दुखी हों। अगर हम अपने कर्मचारियों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं करते हैं, उनकी देखभाल नहीं करते हैं तो उनके लिए ग्राहकों की देखभाल करना कठिन हो जाएगा। अकेले कस्टमर सर्विस से कोविड के दर्द को कम नहीं किया जा सकता है। महामारी से भारत में एविएशन इंडस्ट्री को 8 बिलियन डॉलर (करीब 60 हजार करोड़ रुपए) का नुकसान होने की उम्मीद है।
2023 के आखिर तक 18 प्लेन होंगे
- अकासा एयर ने कहा है कि वो बोइंग 737 मैक्स एयरक्राफ्ट मिलने के साथ मई के आखिर में या जून की शुरुआत में उड़ान भरने के लिए तैयार है। कंपनी ने 72 बोइंग 737 मैक्स प्लेन के लिए ऑर्डर दिया है, जिनमें फ्यूल की खपत कम होती है। वहीं, कंपनी मार्च, 2023 के आखिर तक अपने बेड़े में 18 प्लेन को जोड़ने की तैयारी कर रही है।
- 2023 की गर्मियों तक अकासा इंटरनेशनल फ्लाई करना शुरू कर दी है। तब तक इसमें 20 एयरक्राफ्ट शामिल होंगे, जो स्थानीय नियमों के अनुसार विदेशी मार्गों पर दी जाने वाली सर्विस के लिए जरूरी हैं। अकासा के सभी 737 मैक्स पास मध्य पूर्व, दक्षिण पूर्व एशिया, नेपाल, बांग्लादेश और श्रीलंका के लिए उड़ान भरने का ऑप्शन होगा।
एविएशन इंडस्ट्री का बिजनेस बहुत मुश्किल
2012 में किंगफिशर बैंकों, कर्मचारियों, पट्टेदारों और एयरपोर्ट का बकाया चुकाने में विफल रहने के बाद बंद हो गई। जबकि जेट एयरवेज के पास अदालत की निगरानी में दिवाला-समाधान प्रक्रिया के बाद नए मालिक हैं। क्रेडिट सुइस एजी ने आरोप लगाया है कि स्पाइसजेट कंपनी का कर्ज चुकाने में असमर्थ है। दोनों कंपनियों के बीच एक दशक से चला आ रहा यह विवाद करीब 180 करोड़ के बकाये से संबंधित है। ऐसे में स्पाइसजेट के ऊपर भी बंद होने या बिकने का संकट आ गया है। कुल मिलाकर अभी भी जो लोग इस बिजनेस में हैं उनके लिए भी ये कठिन समय है।
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