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स्विंग मास्टर भुवनेश्वर के कोच संजय रस्तोगी का इंटरव्यू: बोले- भुवी की सफलता का राज हैं 3D; डेडिकेशन, डिटरमिनेशन और डिसिप्लिन

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मेरठ20 मिनट पहलेलेखक: शालू अग्रवाल

भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज भुवनेश्वर की क्वालिटी उनके कोच ने बताईं।

IPL सीजन 15 में सनराइजर्स हैदराबाद के लिए खेल रहे स्विंग के जादूगर तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार का फॉर्म अभी स्लो चल रहा है। वैसे, भुवी के कोच संजय रस्तोगी को शिष्य की गेंदबाजी पर दिल से भरोसा है। मेरठ के विक्टोरिया पार्क क्रिकेट मैदान पर भुवनेश्वर कुमार के शुरूआती कोच संजय रस्तोगी आज भी नए खिलाड़ियों को गेम में भुवनेश्वर जैसे डिसिप्लिन और डेडिकेशन की सलाह देते हैं।

दैनिक भास्कर से बातचीत करते हुए क्रिकेट कोच संजय रस्तोगी ने भुवनेश्वर के गेम से जुड़ी कुछ रोचक बातें भी बताईं…पढ़िए पूरा इंटरव्यू

भुवनेश्वर कुमार के कोच संजय रस्तोगी

भुवनेश्वर कुमार के कोच संजय रस्तोगी

सवाल- भुवनेश्वर कुमार की परफार्मेंस डाउन हुई है, ऐसा क्यों?
जवाब- ऐसा नहीं है। परफॉर्मेंस डाउन होती, तो भुवी लगातार टीम में न रहता। T-20 में भी उसने अच्छा खेला था। लास्ट सीरीज में भी अच्छा प्रदर्शन किया था। सबसे अच्छी इकनॉमी भी भुवी की चल रही है। शुरू में सभी बल्लेबाज सतर्क होकर खेलते हैं, तो विकेट लेना आसान नहीं होता। भुवनेश जब भी शुरू में विकेट लेता है, उसकी टीम जीतती है। वह शुरू के ओवर डालता है या डेप्थ ओवर डालता है। डेप्थ ओवर में दूसरे बॉलर 20-25 रन देते हैं, लेकिन भुवी 12-13 रन में ओवर निकाल देता है।

सवाल- आप एकेडमी में एंट्रेस टेस्ट के बाद दाखिला देते हैं, भुवी के साथ कैसा रहा?
जवाब- भुवनेश्वर 13 साल का था, जब उसकी बड़ी बहन मेरे पास यहां ग्राउंड पर उसे लेकर आई थी। वह जितना साइलेंट आज है, उतना साइलेंट बचपन में भी था। गेम के लिए शुरू से फोकस रहा। बैटिंग, बॉलिंग दोनों ही अच्छी करता था। एक साल में ही उसका यूपी अंडर 15 टीम में सिलेक्शन हो गया।

फिर अंडर 17 में गया और अंडर 19 खेलने के साथ ही रणजी ट्रॉफी, दिलीप ट्रॉफी से इंडियन टीम में पहुंच गया। डिटरमिनेशन, डेडिकेशन और डिसिप्लिन ये तीनों चीजें भुवी में पहले भी थी, आज भी हैं। यही उसकी गेम पावर है। उसने आज तक अपना बचपना खत्म नहीं किया। शैतानी भी करता है, काम को बखूबी करता है। यही तरीका उसकी सफलता का राज है।

सवाल- भुवनेश्वर को आप क्या सलाह देना चाहेंगे?
जवाब- उसकी फिटनेस अच्छी रहे, इंजरी न हो, ग्राउंड पर पता नहीं चलता और फास्ट बॉलर के साथ ये परेशानियां होती रहती हैं। उसके चलते प्रॉपर रिहेब करने में मुश्किल होती है। भुवी के साथ भी ऐसा हुआ और उसको थोड़ा मुश्किलें हुई।

सवाल- आपको कैसे लगा कि एक 13 साल का लड़का बेस्ट बॉलर हो सकता है?
जवाब- स्पोर्ट्समैन बनने के लिए एक पीरियड होता है। भुवी नेचुरल इनस्विंगर था। उसे मैंने छेड़ा नहीं, अगर मैं उसे छेड़ता तो वह ट्रैक से हट जाता। मेरे बताए टिप्स को उसने हमेशा फॉलो किया। इनस्विंग अच्छा था, बाद में उसके आउटस्विंग पर हमने काम किया। कुदरत ने भुवी को नेचुरल गेम दिया है, उसी ने भुवी को मजबूत बनाया। जैसे मिल्खा सिंह नेचुरल धावक थे, उसी तरह भुवी की क्वालिटी उसकी बेहतरीन इनस्विंग थी। कुछ टिप्स, गाइडेंस हमने भी दिया जिसे उसने हमेशा फॉलो किया, आज भी ग्राउंड पर आता है, प्रैक्टिस करता है।

सवाल- वेस्ट यूपी के कौन से गेंदबाजों में आप वो चिंगारी देख रहे हैं?
जवाब- कर्ण, प्रियम, कार्तिक सभी अच्छा कर रहे हैं। जल्दी नए मुकाम पर नजर आएंगे। प्रियम और कार्तिक को अभी मौका नहीं मिल रहा, पिछली दफा उसने अच्छा प्ले किया। बीसीसीआई नए खिलाड़ियों पर काफी काम कर रही है, उन्हें अवसर दे रही है।

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