वर्ल्ड कप से पहले पार्थ को बेस बनाएगी टीम इंडिया: वार्मअप से पहले प्रैक्टिस मैच खेलेगी, ताकि खिलाड़ी बाउंस और स्पीड फ्रेंडली हो जाएं
मुंबईकुछ ही क्षण पहले
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इंदौर में भारत-साउथ अफ्रीका के बीच तीसरा टी-20 मैच 4 अक्टूबर को खेला जाएगा।
टीम इंडिया टी-20 वर्ल्ड कप की तैयारियों में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है। ऑस्ट्रेलिया में 16 अक्टूबर से शुरू हो रहे इस टूर्नामेंट से पहले टीम 5 इंटरनेशनल मुकाबले खेलेगी। इतना ही नहीं, इन मैचों के बाद टीम पर्थ की पिचों में अपनी ट्रेनिंग को पुख्ता करेगी। टीम पर्थ को अपना बेस कैंप बनाने जा रही है। ताकि खिलाड़ी ऑस्ट्रेलिया की बाउंसी पिचों में खेलकर वहां की परिस्थितियों में ढल जाएं।
पर्थ में टीम के खिलाड़ी वार्मअप से पहले प्रैक्टिस मैच खेलेंगे। टीम इंदौर में 4 अक्टूबर को साउथ अफ्रीका के खिलाफ आखिरी टी-20 खेलने के बाद अगले ही दिन 5 अक्टूबर को ऑस्ट्रेलिया के लिए रवाना होगी। पहले टीम को 9 अक्टूबर को रवाना होना था।
बीसीसीआई प्रसिडेंट सौरव गांगुली ने कहा है कि वे वहां वर्ल्ड कप से दो या ढाई हफ्ते पहले पहुंच जाएंगे। वे पार्थ में ट्रेनिंग और प्रैक्टिस करेंगे। इतना ही नहीं, वे वहां कुछ प्रैक्टिस मैच भी खेलेंगे।
टीम के कोच राहुल द्राविड़ ने बीसीसीआई से वहां कुछ और प्रैक्टिस मैच ऑरेंज करने की मांग की थी। बोर्ड के एक अधिकारी ने कहा है कि हम कुछ टीमों से बात कर रहे हैं। जो वार्मअप मैचों से पहले टीम से प्रैक्टिस मैच खेल सकें। बता दें कि टीम इंडिया ने नेट बॉलर और स्टैंड बाय खिलाड़ियों को साथ ले जाने का फैसला किया है।

पर्थ को बेस क्यों बनाया…?
पर्थ स्टेडियम की पिच पिछले पांच दशकों से तेज गेंदबाजों के लिए मददगार रही है और टेस्ट क्रिकेट के बल्लेबाजों की असली परीक्षा इसी स्टेडियम की पिच पर होती है। ऐसे में टीम इंडिया पर्थ प्रैक्टिस कर बाउंस और स्पीड फ्रेंडली होना चाहेगी। ताकि उसके बल्लेबाज वर्ल्ड कप में तेज गेंदबाजों का आसानी से सामना कर सकें।
ग्राउंड और पिच कंडीशन: ऑस्ट्रेलिया में दूसरी पारी में गेंदबाजी-फील्डिंग आसान
ऑस्ट्रेलिया में गेंदबाजों के लिए ज्यादा मदद होती है। वहां दूसरी पारी में गेंदबाजी और फील्डिंग आसान हो जाती है।

अब पढ़ें ऑस्ट्रेलियाई पिचों का नेचर
भास्कर ने ऑस्ट्रेलियाई पिचों का नेचर जानने के लिए ऑस्ट्रेलिया में हुए 54 टी-20 मैचों का एनालिसिस किया। हमने 3 फैक्टर्स के आधार पर रिजल्ट निकाले। आइए जानते हैं…
1. रनरेट: ऑस्ट्रेलिया में अब तक 54 टी-20 इंटरनेशनल मैच हुए हैं वहां 7.91 रन प्रति ओवर की दर से रन बनते हैं।
2. बैटिंग: ऑस्ट्रेलिया में 54 टी-20 इंटरनेशनल मैचों में बल्लेबाजों ने 63 बार फिफ्टी प्लस का स्कोर बनाया है। इनमें तीन शतक और 60 अर्धशतक शामिल हैं। यानी वहां एक मैच में औसतन 1.16 बार ही बल्लेबाज फिफ्टी प्लस स्कोर बनाते हैं।
3. बॉलिंग: ऑस्ट्रेलिया में 54 मैचों में 601 विकेट गेंदबाजों ने लिए हैं। यानी हर मैच में करीब 11.13 विकेट गेंदबाज लेते हैं। यानी ऑस्ट्रेलिया में हर टी-20 इंटरनेशनल में भारत की तुलना में 5% ज्यादा विकेट गिरते हैं।
अब देखें वार्मअप मैचों का शेड्युल…


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