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रेसलर्स-गृहमंत्री की मीटिंग की INSIDE STORY: बालियान-सत्यपाल ने बनाया ग्राउंड, केरल हाउस में हुई पहली मीटिंग, बृजभूषण को चुप कराया, पहलवान नरम पड़े

अमन वर्मा,मुकेश शर्मा, पानीपत/रेवाड़ी12 मिनट पहले

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गृहमंत्री अमित शाह, सांसद बृजभूषण और रेसलर साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया व विनेश फोगाट।

WFI के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण सिंह की गिरफ्तारी के लिए आंदोलन कर रहे पहलवानों और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बीच हुई मीटिंग से जुड़ी जानकारियां छन-छनकर सामने आने लगी हैं। अचानक हुई इस बैठक से सभी हैरान रह गए थे। दरअसल इस मीटिंग की जमीन UP के ही 2 प्रमुख सांसदों ने तैयार की थी। ये दोनों सांसद जाट समुदाय से ताल्लुक रखते हैं और प्रदर्शन कर रहे ज्यादातर रेसलर्स भी जाट हैं।

2-3 दिन से पहलवान थोड़े नर्म दिख रहे हैं वहीं दिल्ली पुलिस की जांच में तेजी आई है। बृजभूषण सिंह चुप हैं और अभी तक पूरी तरह बृजभूषण के साथ खड़ी BJP स्टैंड बदलती दिख रही है। इन तमाम बातों की पटकथा शाह के साथ हुई मीटिंग में ही लिखी गई। आइये इस मीटिंग से जुड़ी इनसाइड स्टोरी को सिलसिलेवार ढंग से समझते हैं…

शाह को इन 6 वजह से करनी पड़ी मीटिंग

1. मामला सीधे PM से जुड़ा
28 मई को नई संसद भवन के उद्घाटन वाले दिन दिल्ली पुलिस पहलवानों के साथ जिस तरीके से पेश आई, उससे पूरी दुनिया में केंद्र सरकार और BJP को लेकर अच्छा मैसेज नहीं गया। चूंकि संसद भवन का उद्घाटन PM प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था इसलिए पहलवानों के साथ हुई जोर-जबर्दस्ती को कहीं न कहीं सीधे उन्हीं से जोड़कर देखा जाने लगा। पहलवानों से हुई जोर-जबरदस्ती के बाद कई बड़े लोग उनके पक्ष में आने से भी माहौल बदलने लगा। 83 का क्रिकेट वर्ल्ड कप जीतने वाली इंडियन टीम ने पहलवानों का समर्थन कर दिया।

पहलवानों पर दिल्ली पुलिस की तरफ से की गई कार्रवाई की तस्वीरें

2. पहलवानों का मेडल गंगा में बहाने का ऐलान
दिल्ली से पहलवान 29 मई को यह कहते हुए हरियाणा लौटे कि उनका आंदोलन खत्म नहीं हुआ है। दिल्ली लौटने के अगले ही दिन, 30 मई को साक्षी-विनेश और बजरंग ने ऐलान किया कि वह अपने सारे मेडल गंगा नदी में बहा देंगे। यह बेहद इमोशनल मूव था। 30 मई की शाम को ही तीनों पहलवान अपने साथियों और परिवार के साथ हरिद्वार पहुंच गए। हर की पौड़ी पर तीनों के रोने का सीन मार्मिक था। उसी दिन शाम को हरिद्वार पहुंचे खाप नेता नरेश टिकैत ने 5 दिन का समय मांगते हुए पहलवानों को मेडल न बहाने के लिए मनाया। यहीं से सरकार पर दबाव बनना शुरू हुआ।

गंगा में मेडल बहाने पहुंचे पहलवान साक्षी मलिक, विनेश फोगाट, संगीता फोगाट व बजरंग पूनिया।

3. FIR के फैक्ट्स सामने आए
इस विवाद में बृजभूषण सिंह का बचाव करने वाले शुरू से तर्क दे रहे थे कि पहलवान यौन शोषण को लेकर पुलिस को सबूत नहीं दे पा रहे। 30 मई को बृजभूषण के खिलाफ दर्ज दोनों FIR सामने आ गईं जिनमें कई संगीन आरोप लगाए गए थे। सीधे PMO पर भी सवाल उठे क्योंकि FIR में लिखा गया कि PMO को इस बारे में काफी पहले सबकुछ बता दिया गया था। इससे बृजभूषण का बचाव करने वाले बैकफुट पर जाने को मजबूर हो गए। दिल्ली पुलिस पर भी जांच तेज करने का दबाव बढ़ गया।

4. मुजफ्फनगर महापंचायत में आंदोलन हाईजैक होने की आशंका
हरिद्वार पहुंचे नरेश टिकैत ने पहलवानों से कहा था कि 5 दिन में खाप पंचायतें और किसान संगठन बड़ा फैसला लेंगी। टिकैत ने 1 जून को मुजफ्फरनगर में हरियाणा, यूपी, राजस्थान और दिल्ली के खाप नेताओं की बड़ी बैठक बुला ली। सरकार को आशंका थी कि रेसलर्स का आंदोलन हाईजैक हो सकता है।

नरेश टिकैत के ऑफिस से जुड़े लोगों का दावा है कि इस महापंचायत के दौरान ही केंद्र से बड़े नेताओं के फोन आने शुरू हो गए तो उन्होंने दोटूक कह दिया कि इस मुद्दे पर सीधे पहलवानों से बात की जाए। केंद्र से मिले रिस्पांस की वजह से मुजफ्फनगर महापंचायत के बाद राकेश टिकैत ने कहा कि यहां लिए गए फैसलों की जानकारी 2 जून को कुरुक्षेत्र में होने वाली महापंचायत में दी जाएगी।

5. UWW की चेतावनी से दुनियाभर में फजीहत
30 मई को ही वर्ल्ड कुश्ती संघ (UWW) ने हरकत में आते हुए भारतीय पहलवानों के साथ दिल्ली पुलिस के व्यवहार की निंदा की और कहा कि वह प्रदर्शनकारी पहलवानों से मिलकर उनकी स्थिति का जायजा लेगा। साथ ही 45 दिन में भारतीय कुश्ती संघ (WFI) का चुनाव न कराने पर भारत की सदस्यता को सस्पेंड करने का अल्टीमेटम भी दे दिया। इससे दुनियाभर में भारत की फजीहत हुई।

BJP के अंदर भी मुखालफत
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इस पूरे विवाद के बीच BJP के अंदर भी 2 तरह की राय बन रही थी। एक पक्ष बृजभूषण के साथ था जबकि दूसरे धड़े का मानना था कि यौन शोषण जैसे संगीन आरोपों की जांच न कराना पार्टी के हित में नहीं है। पार्टी को निष्पक्ष दिखते हुए उन मुद्दों पर गंभीरता से सोचना चाहिए जो पहलवान उठा रहे हैं।

जानिए, कैसे टूटा गतिरोध…

बालियान-सत्यपाल ने तैयार किया मीटिंग का ग्राउंड
एक जून के बाद BJP की ओर से पहल हुई और UP में मुजफ्फरनगर के BJP सांसद व केंद्रीय मंत्री डॉ. संजीव बालियान ने पहली दफा सीधे पहलवानों से बात की। बालियान ने विनेश, बजरंग और साक्षी को भरोसा दिया कि उनकी मुलाकात केंद्र के एक शीर्ष नेता से कराई जाएगी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बागपत के BJP सांसद सत्यपाल सिंह ने भी इसमें मध्यस्थ की भूमिका निभाई। सत्यपाल सिंह मुम्बई के पुलिस कमिश्नर रह चुके हैं और 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले नौकरी से इस्तीफा देकर BJP जॉइन कर ली थी।

केरल हाउस में मीटिंग से खुला रास्ता
पहलवानों की ओर से पॉजिटिव रिस्पांस मिलने के बाद संजीव बालियान और सत्यपाल सिंह ने उसकी जानकारी BJP के केंद्रीय नेताओं को दी। इसके बाद पहलवानों से आगे संवाद शुरू किया गया। हरियाणा के एक खाप प्रतिनिधि के मुताबिक, जंतर-मंतर से लगते केरल हाउस में पहलवानों और केंद्र सरकार के मध्यस्थों की पहली बैठक हुई। यहीं से पहलवानों के साथ अमित शाह की मीटिंग का रास्ता खुला।

हालांकि शाह के साथ मीटिंग से पहले हरियाणा के निर्दलीय राज्यसभा सांसद कार्तिकेय शर्मा, चरखी-दादरी के निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान और BJP शासित एक स्टेट के गवर्नर के लेवल से भी रेसलर्स से संपर्क साधा गया। सोमबीर सांगवान वही नेता हैं जिन्होंने 2019 के चुनाव में BJP नेता और विनेश की चचेरी बहन बबीता फोगाट को हराया था

अंतत: 4 जून को बजरंग, विनेश और साक्षी मलिक गृहमंत्री अमित शाह के घर पहुंचे। वहां 2 घंटे चली मुलाकात में कोई तीसरा पक्ष मौजूद नहीं था। इस दौरान पहलवानों ने खुलकर अपनी बात शाह के सामने रखी।

शाह के साथ मीटिंग के बाद क्या हुआ?

बृजभूषण से चुप रहने को कहा, अयोध्या रैली कैंसिल
बृजभूषण शुरू से ऊलजलूल बयानबाजी कर विवाद को बढ़ा रहे थे। शाह के घर हुई मीटिंग के बाद बृजभूषण से चुप रहने को कहा गया। BJP नेतृत्व के दबाव के चलते 2 जून को बृजभूषण ने अपनी अयोध्या रैली कैंसिल कर दी। 5 जून को होने वाली इस रैली में बृजभूषण सिंह अपना शक्ति प्रदर्शन करने वाले थे। हालांकि रैली कैंसिल करने की आधिकारिक वजह पुलिस से NOC न मिलना बताया गया।

दिल्ली पुलिस बृजभूषण के स्टाफ से पूछताछ करने पहुंची
5 जून को दिल्ली पुलिस की टीम बृजभूषण के घर पहुंची। पुलिस ने पहले लखनऊ और फिर गोंडा में बृजभूषण के घर काम करने वाले लोगों के बयान दर्ज किए। इनमें उनका ड्राइवर, नौकर और बाकी कर्मचारी शामिल थे। पुलिस वहां से कुछ डाक्यूमेंट्स लेकर लौटी।

पहलवानों ने ड्यूटी जॉइन की
6 जून को विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक ने अपनी-अपनी ड्यूटी पर जॉइन किया। यह तीनों पहलवान रेलवे में जॉब करते हैं। हालांकि तीनों ने कहा कि वह अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए नौकरी पर लौटे हैं और इंसाफ के लिए उनकी लड़ाई जारी रहेगी।

जंतर-मंतर पर 9 जून का प्रोग्राम रद्द
पहलवानों और खाप नेताओं ने 2 जून को कुरुक्षेत्र में हुई महापंचायत के बाद कहा था कि अगर बृजभूषण पर एक्शन न लिया गया तो वह 9 जून से जंतर-मंतर पर दोबारा प्रदर्शन शुरू करेंगे। पहलवानों के ड्यूटी जॉइन करने के बाद किसान यूनियनों ने इस प्रोग्राम को यह कहते हुए रद्द कर दिया कि रेसलर्स के साथ बातचीत करके इसे नए सिरे से तय किया जाएगा।

खेल मंत्री ने पहलवानों से मीटिंग की
खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक से मीटिंग की। जिसमें तय हुआ कि 15 जून तक बृजभूषण के खिलाफ जांच कर चार्जशीट कोर्ट में पेश कर दी जाएगी। तब तक पहलवान कोई प्रदर्शन नहीं करेंगे। 30 जून तक WFI के चुनाव हो जाएंगे। WFI में महिला अध्यक्ष की अगुआई में इंटरनल कंप्लेंट कमेटी बनेगी।

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