मैं बाजार में पैसा लगाता हूं, बजट से मेरी उम्मीद: शेयर बाजार से कमाई पर तीन बार टैक्स न देना पड़े, लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स कम किया जाए
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2 घंटे पहलेलेखक: बजट टीम
मुंबई के रहने वाले अनुभव चौधरी ने शेयर बाजार से 1 साल मे 4 लाख रुपए कमाए, लेकिन जब उन्होंने अपना अकाउंट देखा तो उसमें सिर्फ 3.60 लाख रुपए ही आए थे। दरअसल, उन्हें इस कमाई पर सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स यानी STT और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स यानी LTCG देना पड़ा । इसके साथ ही उन्हें कुल कमाई पर इनकम टैक्स भी देना होगा। यानी अनुभव को तीन टैक्स देने पड़ रहे हैं।
अनुभव की तरह बाजार में पैसा लगाने वाले लाखों इन्वेस्टर एक फरवरी को पेश होने वाले बजट से दो बड़ी उम्मीदें लगाए बैठे हैं। पहली- STT खत्म हो और दूसरी- LTCG कम किया जाए।
2004 में LTCG की जगह आया था STT, लेकिन वसूले जा रहे दोनों टैक्स
दरअसल, 2004 में उस समय के वित्तमंत्री पी. चिदंबरम STT को लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन यानी LTCG की जगह ही लाए थे, लेकिन LTCG हटा नहीं। अब इन्वेस्टर को कमाई पर दोनों टैक्स देने पड़ते हैं। इनके बाद जो कुल कमाई बचती है उस पर इनकम टैक्स भी लगता है।
इसलिए या तो STT को खत्म किया जाए या फिर LTCG टैक्स को कम किया जाए। इसी के साथ आर्थिक सुधारों को भी जारी रखने की मांग है। इससे ग्रोथ को रफ्तार मिलती रहेगी।
बाजार से होने वाली कमाई पर लगने वाले टैक्स को ऐसे समझें…
अनुभव के 4 लाख की कमाई वाले शेयर बेचते समय ही STT के 100 रुपए कट गए। अनुभव ने एक साल पूरा होने के एक हफ्ते बाद ये 4 लाख रुपए के शेयर बेचे तो उस पर LTCG टैक्स 10% लगा और 40 हजार रुपए कट गए।
अनुभव ने इसके अलावा 3 लाख रुपए दूसरे जरिए से कमाए। इस तरह उसकी टोटल इनकम 3 लाख+4 लाख = 7 लाख रुपए हो गई। इसमें से पहले 40 हजार रुपए कट गए थे। इनकम बची 7 लाख-40,000=6.60 लाख रुपए। अब इस 6.60 लाख पर अनुभव को इनकम टैक्स भी देना है।
और अब बात बजट पेश होने और उसके बाद के दिनों में बाजार के जोखिम पर…
- 2010 के बाद से बजट के समय 9 बार गिर चुका है बाजार आंकड़े बताते हैं कि 2010 से लेकर अब तक के 12 बार के बजट में 9 बार बाजार की चाल एक महीने पहले ही कमजोर हो गई थी। 3 बार बाजार में तेजी का रुझान रहा। पिछली बार एक से 31 जनवरी 2021 के बीच सेंसेक्स 47,868 से टूटकर 46,286 पर चला गया था। यानी 1,582 अंकों की गिरावट आई थी।
- 2020 में एक महीने के भीतर 1.28% टूटा था सेंसेक्स इसी तरह 2020 में बजट से पहले एक महीने में सेंसेक्स 1.28% टूटा था। 2019 में 5 जून से 5 जुलाई के बीच इसमें 0.04% की गिरावट आई। जून इसलिए क्योंकि आम चुनाव की वजह से दोबारा बजट पेश हुआ था। 2018 में बाजार में 5.6% और 2017 में 4% की तेजी रही थी। 2016 में सेंसेक्स 6% गिरा था जबकि 2015 में इसमें 1.15% की गिरावट आई थी। 2014 में यह आधा पर्सेंट टूटा था।
- इस साल भी बजट से पहले पॉजिटिव और निगेटिव फैक्टर मौजूद इस साल के बजट से पहले कुछ पॉजिटिव और कुछ निगेटिव फैक्टर हैं। निगेटिव बात यह है कि कोरोना की तीसरी लहर की वजह से कुछ राज्यों में प्रतिबंध लग चुके हैं। अमेरिका में ब्याज दरें बढ़ने के संकेत हैं। महंगाई भी 6% से ऊपर बनी हुई है। विदेशी निवेशक लगातार भारतीय बाजार से पैसे निकाल रहे हैं। पॉजिटिव यह है कि कॉर्पोरेट की कमाई सुधर रही है।
- एक्सपर्ट बोले- 5 राज्यों में चुनाव की वजह से दिलचस्प होगा बजट स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट के एमडी सुनील न्याति कहते हैं कि बजट एक दिन का मेन इवेंट होता है। इस बार 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव की वजह से थोड़ा दिलचस्प बजट हो सकता है। पिछले तीन सालों के रुझान बताते हैं कि बाजार में 15 जनवरी से गिरावट शुरू हो जाती है। अगर हम सेक्टर का प्रदर्शन देखें तो IT और फार्मा सेक्टर हमेशा बजट में अच्छा प्रदर्शन करता है। सरकारी बैंक और रियल्टी स्टॉक में उतार-चढ़ाव रहता है।
- दूसरे एक्सपर्ट की राय- रोजगार पैदा करने पर हो सकता है फोकस HDFC सिक्योरिटीज के MD और CEO धीरज रेली कहते हैं कि यह बजट पिछले साल की तरह ही कोरोना से प्रभावित अर्थव्यवस्था के समय आ रहा है। इस साल का बजट मूलरूप से इकोनॉमी की रिकवरी और जॉब क्रिएशन पर होगा। साथ ही डिमांड जेनरेट करने और इकोनॉमी की ग्रोथ को ड्राइविंग करने वाला होगा। इस साल का बजट प्रोविजन विदेशी निवेशकों और भारतीय निवेशकों के लिए एक सही दिशा देगा।
- टेलीकॉम में वोडाफोन और एयरटेल पर फोकस कर सकते हैं इन्वेस्टर ICICI सिक्योरिटीज का कहना है कि टेलीकॉम में वोडाफोन और एयरटेल मुख्य स्टॉक हैं। ऑटोमोबाइल में टाटा मोटर्स और महिंद्रा एंड महिंद्रा के लिए पॉजिटिव हो सकता है। साथ ही मिंडा कॉर्प भी इस सेक्टर में अच्छा है। हेल्थकेयर में ब्रोकरेज हाउस ने अपोलो हॉस्पिटल, नारायणा हेल्थकेयर को पॉजिटिव बताया है। टेक्सटाइल्स में KPR और गोकलदास एक्सपोर्ट को अच्छा बताया है तो रिटेल में ट्रेंट, ट्राइडेंट और वीमार्ट हैं। हालांकि यह सब तभी अच्छे होंगे, जब इनसे संबंधित कोई अच्छी घोषणा बजट में होती है।
- पैसा लगाने वालों को ऑटो सेक्टर पर भी करना चाहिए फोकस च्वॉइस ब्रोकिंग के रिसर्च हेड सुमित बगाड़िया कहते हैं कि ऑटो सेक्टर पर निवेशकों को फोकस करना चाहिए। इसमें दो स्टॉक पर दांव लगा सकते हैं। अशोक लेलैंड और हीरो मोटोकॉर्प अच्छे स्टॉक साबित हो सकते हैं। K.R. चौकसी के MD देवेन चौकसी कहते हैं कि सरकार का फोकस कृषि पर होगा, क्योंकि पूरे साल यह एक हॉट टॉपिक रहा। सरकार इस सेक्टर को ज्यादा अलोकेशन दे सकती है ताकि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का पेमेंट किसानों को हो सके। इंफ्रा के लिए अक्टूबर 2021 में प्रधानमंत्री ने गति शक्ति योजना की घोषणा की थी। इसके लिए 100 लाख करोड़ रुपए की बात कही गई थी। इस पर भी फोकस रहेगा।
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