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मुंबईएक घंटा पहले
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क्या किसी मुआवजे में मिली रकम टैक्स के दायरे में आती है? यह सवाल गुजरात हाईकोर्ट ने इनकम टैक्स विभाग से किया है। इस पर अगली सुनवाई 14 मार्च को होगी।
गुजरात हाईकोर्ट ने मांगा जवाब
गुजरात हाईकोर्ट ने इनकम टैक्स विभाग से पूछा है कि क्या किसी पीड़ित परिवार को मुआवजा मिलता है तो वह इनकम टैक्स एक्ट के दायरे में आता है या नहीं। कोर्ट सोमवार को एक पति द्वारा उस याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें उसकी पत्नी की मौत पर मिले मुआवजे को इनकम टैक्स से नोटिस मिला था।
सहानुभूति में नहीं जाना चाहते
कोर्ट ने कहा कि आपकी मूल बहस यह है कि मुआवजा कमाई नहीं है और इस पर टैक्स नहीं लेना चाहिए। हम किसी सहानुभूति में नहीं जाना चाहते हैं। लेकिन हम यह जानना चाहते हैं कि अगर कोई मुआवजा मिला है और वह कमाई है तो उस पर टैक्स लगना चाहिए।
20 करोड़ रुपए पर मिला नोटिस
पिटीशन फाइल करने वाले कल्पेश दलाल ने हाईकोर्ट में कहा कि उन्हें इनकम टैक्स विभाग से 20 करोड़ रुपए की इनकम पर टैक्स भरने का नोटिस मिला है। यह पैसा उन्हें उनकी पत्नी तृप्ति की मौत के मामले में मिला था। दरअसल, 1986 में पैन अमेरिकन फ्लाइट जब मुंबई से न्यूयॉर्क जा रही थी, उसी समय आतंकियों ने उसका अपहरण कर लिया। उसे करांची में उतारा गया।
50 लोगों की हत्या की गई
फ्लाइट उतारने के बाद 50 लोगों की हत्या कर दी गई, जिसमें कल्पेश की पत्नी भी थीं। इसके बाद न्यूयॉर्क की कोर्ट ने दलाल को 2013-14 और 2014-15 में 20 करोड़ रुपए का मुआवजा देने का आदेश दिया। हालांकि दलाल ने 2014-15 के असेसमेंट में इस रकम को इनकम टैक्स के रिटर्न में नहीं दिखाया।
2014 में नोटिस जारी
इनकम टैक्स विभाग ने 2014 में दलाल को नोटिस जारी किया। दलाल ने इसके जवाब में कहा कि चूंकि यह रकम कमाई से नहीं आई है और यह अमेरिकी कोर्ट से मुआवजे से मिली है, इसलिए इस पर टैक्स लागू नहीं होता है। इनकम टैक्स ने फिर से पिछले साल एक नोटिस जारी कर इस पर टैक्स मांगा।
कोर्ट में पिटीशन फाइल किया
इसी के बाद दलाल ने कोर्ट में पिटीशन फाइल किया और कहा कि मुआवजे की रकम पर टैक्स की देनदारी नहीं बनती है। सोमवार को गुजरात हाईकोर्ट ने सुनवाई की और इनकम टैक्स विभाग से जवाब मांगा है। इसकी अगली सुनवाई 14 मार्च को होगी।
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