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- LIC Salary Structure; CFO Will Get Rs 75 Lakh To Rs 1 Crore Salary Than Chairman
मुंबई10 घंटे पहले
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देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) CFO को चेयरमैन से ज्यादा सैलरी देगी। CFO को सालाना 75 लाख से 1 करोड़ रुपए के बीच सैलरी मिलेगी। जबकि चेयरमैन को सालाना 35 लाख रुपए सैलरी मिलती है।
हाल में CFO पद के लिए आवेदन मंगाया था
LIC ने हाल में CFO पद के लिए आवेदन मंगाया था। आवेदन देने की अंतिम तारीख 12 अक्टूबर थी। CFO को सालाना 75 लाख से एक करोड़ रुपए के बीच सैलरी दी जाएगी। यानी चेयरमैन एम.आर. कुमार की तुलना में यह दो गुना ज्यादा है। LIC में चेयरमैन की सैलरी इस समय 35 लाख रुपए सालाना है।
IPO से पहले CFO को नियुक्त करने की प्रक्रिया
LIC IPO से पहले CFO को नियुक्त करने की प्रक्रिया में है। पिछले दिनों एक विज्ञापन जारी किया। इसमें उसने कहा कि CFO पद के लिए 12 अक्टूबर तक आवेदन मंगाया गया था। CFO की नियुक्ति तीन साल या उनकी 63 साल की उम्र तक के लिए होगी। दरअसल अभी तक LIC में चेयरमैन कंपनी के अंदर का ही व्यक्ति होता है। जबकि CFO को बाहर से लाया जा रहा है। यह नियुक्ति कांट्रैक्ट के आधार पर होती है। इसी तरह देश का सबसे बड़ा बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) भी अपने चेयरमैन की तुलना में CFO को ज्यादा सैलरी देता है।
SBI CFO को 75 लाख रुपए सालाना सैलरी
SBI CFO को जून 2020 में नियुक्त करने के लिए विज्ञापन मंगाया गया था। उसमें 75 लाख रुपए सालाना सैलरी देने की बात कही गई थी। यह कॉस्ट टू द कंपनी यानी CTC थी। इसके अलावा अन्य सुविधाएं भी थीं। उस समय चेयरमैन रजनीश कुमार को सालाना 29.53 लाख रुपए सैलरी मिल रही थी। हालांकि अभी के चेयरमैन दिनेश खारा को सालाना 38 लाख रुपए की सैलरी मिलती है।
3 साल के कांट्रैक्ट आधार पर नियुक्ति
SBI ने 3 साल के कांट्रैक्ट आधार पर यह नियुक्ति की थी। इसे दो साल के लिए रिन्यू भी किया जा सकता है। वैसे सरकारी कंपनियों में MD&CEO की सैलरी 30-40 लाख रुपए सालाना ही होती है। यहां तक कि रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांता दास की सैलरी सालाना 35 लाख रुपए है। यह अलग बात है कि इन लोगों को भारी –भरकम सुविधाएं मिलती हैं। साथ ही आजीवन पेंशन भी मिलती है। देश के तीसरे नंबर के सबसे बड़े बैंक बैंक ऑफ बड़ौदा के MD&CEO को सालाना 35.39 लाख रुपए सैलरी मिलती है।
प्राइवेट सेक्टर में नहीं मिलती है पेंशन
प्राइवेट बैंकों या कंपनियों मे सैलरी भले ज्यादा हो, पर वहां पर पेंशन नहीं मिलती है। उदाहरण के तौर पर HDFC बैंक के MD&CEO को सालाना 4.71 करोड़ रुपए की सैलरी मिलती है। सरकारी बैंकों की तुलना में निजी बैंकों के MD& CEO की सैलरी 14-15 गुना ज्यादा होती है।
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