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पानीपत4 मिनट पहले
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भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर बीते दिनों प्रदर्शन कर रहे पहलवानों को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया था। इतना ही नहीं, पहलवानों पर कई धाराओं में केस भी दर्ज किया था। इसके बाद पहलवानों को धरना स्थल से उठा भी दिया था।
इसके कुछ दिनों बाद भारत सरकार की ओर से केंद्रीय खेलमंत्री अनुराग ठाकुर ने पहलवानों से बातचीत की थी। जिसके बाद दोनों तरफ से कई बातों पर सहमति भी बनी थी। जिनमें से एक आश्वासन 15 जून को चार्जशीट पेश करने का पूरा हो गया है।
अब पहलवानों पर दर्ज मुकदमा भी कैंसिल करने का आश्वासन पूरा करने के लिए सरकार और दिल्ली पुलिस प्रयासरत है। कागजी कार्रवाई पूरी की जा रही है। दिल्ली पुलिस कभी भी कोर्ट में पहलवानों पर दर्ज एफआइआर की क्लोजर रिपोर्ट देकर केस बंद करने की अपील कर सकती है।
चार्जशीट देखने के बाद पहलवान बनाएंगे आगामी रणनीति
पहलवान साक्षी मलिक ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि उनकी लीगल टीम की ओर से दिल्ली पुलिस द्वारा कोर्ट में पेश की गई चार्जशीट को पाने के लिए एप्लीकेशन डाली गई है। चार्जशीट मिलने के बाद उसका अध्ययन किया जाएगा। इसके बाद ही पहलवान अपनी आगामी रणनीति बनाएंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि चार्जशीट में यह भी देखा जाएगा कि उसमें लगाए चार्ज सही हैं या नहीं। सभी चीजें देखने के बाद हम अगला कदम उठाएंगे। यह भी देखेंगे की हमारे साथ किए गए वादे पूरे हुए या नहीं, जिनमें हमारे ऊपर दर्ज FIR वापस लेने की बात भी शामिल है।
चार्जशीट में ये किया गया दाखिल
भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण सिंह पर 6 महिला पहलवानों के यौन शोषण केस में बनी चार्जशीट में नए खुलासे हुए हैं। सूत्रों के मुताबिक दिल्ली पुलिस की जांच में 6 में से 2 महिला पहलवानों के साथ छेड़छाड़ और एक का रास्ता रोकने या पीछा करने का मामला सामने आया है।
दिल्ली पुलिस को कॉल डिटेल्स से कुछ खास हाथ नहीं लगा है। इसकी वजह ये है कि टेलिकॉम कंपनियां एक साल से ज्यादा का कॉल रिकॉर्ड नहीं रखतीं। चार्जशीट पेश होने के बाद साक्षी मलिक ने कहा- अब स्पष्ट हो गया है कि बृजभूषण कसूरवार हैं।
दिल्ली पुलिस के सूत्रों के मुताबिक बृजभूषण पर जो रास्ता रोकने या पीछा करने का केस है, वह 2012 का है। इसमें शिकायत करने वाली महिला पहलवान ने शिकायत की थी कि बृजभूषण ने एक टूर्नामेंट के दौरान उसकी मां से बात की और उसे अपने कमरे में बुलाकर कस कर गले लगाया।
जब महिला पहलवान घर लौटी तो अलग-अलग बहाने से कई बार उसकी मां के नंबर पर फोन करना शुरू कर दिया। उसने यह भी दावा किया कि बृजभषण की कॉल से बचने के लिए उसे अपना फोन नंबर तक बदलना पड़ा। हालांकि इन आरोपों को साबित करने के मामले में कोई टेक्निकल एविडेंस नहीं मिले हैं।
बालिग पहलवानों के यौन शोषण की बताई जगहों पर आरोपी मौजूद थे
बालिग पहलवानों के केस में पुलिस ने एक हजार पन्नों की चार्जशीट पेश की। इसमें पुलिस ने पहलवानों के CrPC की धारा 164 के तहत मजिस्ट्रेट के आगे दिए बयान को चार्जशीट का प्रमुख आधार माना है। पुलिस ने कहा कि बालिग पहलवानों ने जिस जगह पर उनके साथ यौन शोषण के आरोप लगाए हैं, वहां आरोपियों की मौजूदगी के सबूत मिले हैं।
पहलवानों ने पुलिस को जांच के दौरान सबूत के तौर पर 5 फोटो सौंपी हैं। इसके अलावा और भी डिजिटल सबूत दिए गए, उन्हें पेन ड्राइव में कोर्ट को सौंपा गया है। चार्जशीट में करीब 25 गवाहों के बयान दर्ज किए गए हैं। 7 गवाहों ने पीड़ित बालिग पहलवानों के आरोपों का सपोर्ट किया है। बाकी आरोपियों के पक्ष में बोले हैं। ट्रायल के दौरान इनका क्रॉस एग्जामिनेशन होगा।
पुलिस ने कजाकिस्तान, मंगोलिया और इंडोनेशिया के कुश्ती संघों से उन जगहों की CCTV फुटेज और फोटो देने को कहा है, जहां महिला पहलवानों ने बृजभूषण पर यौन शोषण के आरोप लगाए हैं। अभी ये नहीं मिले हैं। इनके मिलने पर पुलिस केस में सप्लिमेंट्री चालान पेश करेगी।
रेसलर्स के धरने में अब तक क्या हुआ?
- 18 जनवरी को जंतर-मंतर पर विनेश फोगाट, साक्षी मलिक के साथ बजरंग पूनिया ने धरना शुरू किया। आरोप लगाया कि WFI के तत्कालीन अध्यक्ष बृजभूषण सिंह ने महिला पहलवानों का यौन शोषण किया।
- 21 जनवरी को विवाद बढ़ने के बाद केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने पहलवानों से मुलाकात कर कमेटी बनाई।
- 23 अप्रैल को पहलवान बृजभषण की गिरफ्तारी की मांग को लेकर फिर जंतर-मंतर पर धरने पर बैठ गए।
- 28 अप्रैल को पहलवानों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण पर छेड़छाड़ और पॉक्सो एक्ट में 2 एफआईआर दर्ज की।
- 3 मई की रात को पहलवानों और पुलिसकर्मियों के बीच जंतर-मंतर पर झड़प हो गई।
- 21 मई को महापंचायत हुई और इंडिया गेट पर कैंडल मार्च और 28 मई को नए संसद भवन पर महिला महापंचायत करने का फैसला लिया गया।
- 28 मई को पहलवानों ने नए संसद भवन के सामने महापंचायत के लिए जाने की कोशिश की तो पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।
- 29 मई को सारा दिन पहलवान घर पर रहे और मेडल गंगा में बहाने व इंडिया गेट पर आमरण अनशन का फैसला किया।
- 30 मई को पहलवान हरिद्वार हर की पौड़ी में मेडल बहाने गए। जहां किसान नेता नरेश टिकैत के मनाने पर सरकार को 5 दिन का अल्टीमेटम देकर उन्होंने फैसला टाल दिया।
- 2 जून को कुरुक्षेत्र में महापंचायत हुई। इसमें 9 जून तक बृजभूषण को गिरफ्तार करने लिए अल्टीमेटम दिया गया।
- 3 जून को दिल्ली पुलिस को इस मामले में 4 गवाह मिले हैं, जिन्होंने बृजभूषण पर लगे आरोपों की पुष्टि की है।
- 4 जून को पता चला कि पहलवानों की गृह मंत्री अमित शाह से मीटिंग हुई।
- 5 जून को विनेश, साक्षी और बजरंग ने रेलवे में ड्यूटी जॉइन कर ली।
- 6 जून को अमित शाह से मीटिंग का पता चलने पर किसानों और खाप ने 9 जून को जंतर-मंतर पर अपना प्रदर्शन स्थगित कर दिया।
- 7 जून को रेसलर्स खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से मिलने पहुंचे थे। यह बैठक 6 घंटे चली थी।
- 15 जून को बृजभूषण के खिलाफ बालिग पहलवान केस में चार्जशीट और नाबालिग पहलवान केस में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की गई।
- 16 जून को रेसलर साक्षी मलिक ने कहा कि वे चार्जशीट देखकर अगला फैसला लेंगे। नाबालिग पहलवान के बयान बदलने का कारण परिवार पर दवाब था।
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