9 मिनट पहले
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न्यूजीलैंड के पूर्व दिग्गज ऑलराउंडर क्रिस केयर्न्स फिलहाल जिंदगी और मौत से जंग लड़ रहे हैं। कुछ दिन पहले ये खिलाड़ी लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर था और उनकी हालत बेहद नाजुक थी। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया के कैनबरा और सिडनी में उनके हार्ट की सर्जरी भी की गई थी। अब 51 साल के इस पूर्व खिलाड़ी को आंत का कैंसर हो गया है। उन्होंने 5 फरवरी को इसकी जानकारी दी।
वे अभी ऑस्ट्रेलिया की राजधानी कैनबरा के अस्पताल में भर्ती हैं जहां उनका इलाज चल रहा है। क्रिस ने न्यूजीलैंड के लिए 1989 से 2006 के बीच 62 टेस्ट और 215 वनडे मुकाबले खेले हैं। उनकी गिनती दुनिया के दिग्गज ऑलराउंडर प्लेयर्स में होती है।
क्रिस ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए कैंसर की जानकारी दी। उन्होंने लिखा, ‘मुझे कल बताया गया कि आंत का कैंसर है। ये मेरे लिए बड़ा झटका था और इसकी मुझे उम्मीद नहीं थी, मैंने सोचा था कि यह रुटीन चैकअप होगा। इसलिए मैं सर्जन और विशेषज्ञों के साथ दूसरे राउंड की बात के लिए खुद को तैयार कर रहा हूं। मैं बार-बार याद कर रहा हूं कि मैं अभी भी जिंदा हूं और कितना लकी हूं। एक और लड़ाई आने वाली है, लेकिन उम्मीद है कि यहां पहले ही राउंड में मामला खत्म हो जाएगा।’
न्यूजीलैंड के बेस्ट ऑलराउंडर्स में से एक क्रिस केयर्न्स
क्रिस न्यूजीलैंड के महान खिलाड़ियों में से एक लांस केयर्न्स के बेटे हैं। क्रिस को 1990 की दशक के बेस्ट ऑलराउंडर्स में से एक माना जाता है। उन्होंने न्यूजीलैंड के लिए 1989 से 2006 के बीच 62 टेस्ट, 215 वनडे और 2 टी-20 इंटरनेशनल मैच खेले। वे फिलहाल स्काई स्पोर्ट्स में कमेंट्री कर रहे थे।
2008 में क्रिस पर लगे थे फिक्सिंग के आरोप
क्रिस पर 2008 में इंडियन क्रिकेट लीग (ICL) में खेलने के दौरान मैच फिक्सिंग के आरोपों का सामना करना पड़ा था। केयर्न्स ने खुद को निर्दोष साबित करने के लिए कई कानूनी लड़ाइयां लड़ीं। हालांकि बाद में ICL को भंग कर दिया गया था। मैच फिक्सिंग के आरोपों के खिलाफ उन्होंने 2012 में इंडियन प्रीमियर लीग के संस्थापक ललित मोदी के खिलाफ मानहानि का मामला भी जीता।
फिक्सिंग का उनकी निजी जिंदगी पर भी असर पड़ा
क्रिस को अपने साथी खिलाड़ी लू विन्सेंट और ब्रैंडन मैकुलम से दोबारा फिक्सिंग के आरोपों का सामना करना पड़ा। 2015 में लंदन में लंबी सुनवाई के बाद उन्हें झूठी गवाही देने और न्याय प्रक्रिया में बाधा पहुंचाने के आरोपों से बरी कर दिया गया था। एक समय उनके पास कानूनी प्रक्रिया के लिए फीस तक नहीं था। इसके बाद क्रिस ने आकलैंड परिषद में ट्रक चलाने और बस स्टैंड में सफाई का भी काम किया था।
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