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ऑटोपायलट कितना सेफ?: बिना ड्राइवर सड़कों पर दौड़ती हैं टेस्ला की कारें, लेकिन कई लोगों की मौत की वजह बनीं; कंपनी की नजर में टेक्नोलॉजी पूरी तरह सुरक्षित

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  • Elon Musk; Tesla Car Autopilot Comparison | Tesla Car Safety Features And Tesla Self Driving Automobile Technology

नई दिल्ली8 मिनट पहले

बिना ड्राइवर के चलने वाली यानी ड्राइवरलेस कार पर कई कंपनियां काम कर रही हैं। टेस्ला ने तो टेस्टिंग करके ऑटोपायलट फीचर को कार में देना भी शुरू कर दिया है। हालांकि, ये फीचर अभी सभी जगहों पर या पूरी तरह से काम नहीं करता है। ऐसे में ये सवाल भी उठता है क्या ड्राइवरलेस कार सुरक्षित हैं? टेस्ला भले ही इस फीचर को बेहतरीन बताती हो, लेकिन जिन लोगों के साथ हादसे हुए वे इसे मौत का जिम्मेदार बताते हैं।

दरअसल, टेस्ला की कार ने कैलिफोर्निया में एक 15 साल के लड़के को टक्कर मार दी थी, जिससे उसकी मौत हो गई। जिसके बाद उसके परिवारवालों ने कंपनी पर मुकदमा कर दिया। परिवार का कहना है कि उसके बेटे की मौत के लिए टेस्ला का ऑटोपायलट फीचर जिम्मेदार है। टेस्ला के ऑटोपायलट फीचर से 2019 में भी हादसा हो चुका है।

हादसा नंबर-1
15 साल के जोवानी माल्डोनाडो की जान गई

टेस्ला मॉडल 3 की टक्कर से जोवानी माल्डोनाडो की मौत हो गई थी।

टेस्ला मॉडल 3 की टक्कर से जोवानी माल्डोनाडो की मौत हो गई थी।

बात अगस्त 2019 की है। बेंजामिन माल्डोनाडो अपने 15 साल के बेटे जोवानी के साथ कैलिफोर्निया फ्रीवे के एक फुटबॉल टूर्नामेंट से वापस लौट रहे थे। सड़क क्रॉस करते वक्त उन्होंने अपने फोर्ड एक्सप्लोरर पिकअप को धीमा किया। माल्डोनाडो ने टर्न सिग्नल दिया और दाएं तरफ मुड़ गए। अचानक सेकेंड के अंदर उनकी पिकअप से टेस्ला मॉडल 3 आकर टकरा गई। ये कार ऑटोपायलट मोड से ड्राइव हो रही थी। जिसकी स्पीड 96 किमी प्रति घंटा से भी ज्यादा थी। पुलिस के मुताबिक, जोवानी गाड़ी में आगे की सीट पर बैठे थे उन्होंने सीट बेल्ट नहीं पहना था। ऐसे में जब टक्कर हुई तब वे गाड़ी से बाहर फेंक दिए गए और उनकी मौत हो गई।

हादसा नंबर-2
कार पेड़ से टकराई और उसमें बैठे 2 लोगों की मौत

2019 में अमेरिका के हॉस्टन शहर में टेस्ला की मॉडल एस कार तेज रफ्तार से जा रही थी। सड़क पर अचानक मोड आया और कार अनियंत्रित होकर एक पेड़ से जा टकरा गई। पेड़ से टकराते ही कार में आग लग गई और इससे पहले कि कार में बैठे लोग बाहर निकल पाते उनकी झुलसने से मौत हो गई। मामले की जांच कर रहे अधिकारियों ने मीडिया को बताया कि, हादसे के दौरान कार में ड्राइविंग सीट पर कोई नहीं बैठा था, ड्राइविंग सीट के बगल में एक व्यक्ति और पीछे की तरफ दूसरा व्यक्ति बैठा था।

कैसे काम करता है कार में ऑटोपायलट फीचर?

  • ऑटोपायलट का मतलब है कि बिना ड्राइवर की मदद के कार का चलना। ऑटोपायलट टेक्नोलॉजी कई अलग-अलग इनपुट के आधार पर काम करती है। जैसे मैप के लिए ये डायरेक्ट सैटेलाइट से कनेक्ट होती है। पैसेंजर को कहां जाना है, इस बार को मैप में सिलेक्ट किया जाता है। इसके बाद रूट का सिलेक्शन होता है।
  • जब कार ऑटोपायलट मोड पर चलती है तब सैटेलाइट के साथ उसे कार के चारों तरफ दिए गए कैमरा से भी इनपुट मिलता है। यानी कार के सामने या पीछे, दाएं या बाएं कोई ऑब्जेक्ट तो नहीं है। किसी ऑब्जेक्ट के होने पर कार लेफ्ट-राइट मूव होती है या फिर रुक जाती है।
  • कार में कई सेंसर भी होते हैं, जो कार को रोड-लेन में रखने में मदद करते हैं और सिग्नल को रीड करते हैं। ऑटोपायलट मोड में कार की स्पीड 112 किमी प्रति घंटा तक हो जाती है। हालांकि, इस तकनीक में कई बार सेंसर काम करना बंद कर देते हैं जिसके चलते हादसा हो जाता है।

टेस्ला के ऑटोपायलट फीचर पर सवाल क्यों?

  • टेस्ला द्वारा रिकॉर्ड किए गए 6 सेकेंड के वीडियो से पता चलता है कि इसका ऑटोपायलट फीचर कार को चला सकता है। उसकी स्पीड को बढ़ा सकता है। ब्रेक भी लगा सकता है। हालांकि, कई मौके पर जब कार से दुर्घटना होने वाली हो, तब इसे ड्राइवर भी कंट्रोल नहीं कर सकता। कंपनी अपने अपडेटेड ‘फुल सेल्फ ड्राइविंग’ सॉफ्टवेयर को लॉन्च करने की तैयारी में है। हालांकि, सड़क हादसे की वजह से ये तकनीक सवालों के घेरे में आ गई है। अमेरिकी ऑटो सुरक्षा एजेंसी ने टेस्ला कारों के क्रैश के तकरीबन 27 मामले की जांच फिर से शुरू की है।
  • माल्डोनाडो को टक्कर मारने वाला हादसा टेस्ला की कार फैक्ट्री से महज 6 किमी की दूरी पर हुआ था। ये मामला कंपनी के खिलाफ मुकदमे का विषय बन गया है। ऑटोपायलट फीचर से हो रही दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ने से इस तकनीक को लेकर कंपनी की चिंता बढ़ गई है। टेस्ला के कॉम्पिटिटर कार कंपनियों द्वारा भी इसे लेकर कई सवाल किए जा रहे हैं। इस टेक्नोलॉजी से बड़े हादसे भी हो सकते हैं क्योंकि सड़क पर मोटर चालकों के साथ साइकिल चालक और पैदल चलने वाले भी होते हैं।
  • हॉस्टन शहर में हुए हादसे को लेकर टेस्ला के सीईओ और फाउंडर एलन मस्क का कहना है कि अब तक दिखाए गए डेटा लॉग से ये साफ तौर पर पता चलता है कि इस कार में ऑटोपायलट इनेबल नहीं किया गया था और इस कार के लिए FSD (फुल सेल्फ ड्राइविंग) सिस्टम नहीं खरीदा गया था। इसके अलावा, स्टैंडर्ड ऑटोपायलट को स्टार्ट करने के लिए लेन लाइनों की आवश्यकता होती है, जो कि इस लेन पर नहीं थी।
  • ऑटोनोमस ड्राइविंग टेक्नोलॉजी पर फोकस करने वाले कार्नेगी मेलन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर राज राजकुमार ने कहा, “यह मॉनीटरिंग टेक्नोलॉजी मौलिक रूप से कमजोर है, क्योंकि इसे धोखा देना आसान है। यह लगातार मॉनीटरिंग नहीं करती है। रडार ने पिकअप ट्रक का पता लगा लिया होता तो यह टक्कर नहीं होती।”

सेल्फ ड्राइविंग को डेवलप करना मुश्किल काम: मस्क
मस्क ने अब इस बात को भी स्वीकार किया है कि सुरक्षित और विश्वसनीय सेल्फ-ड्राइविंग कार विकसित करना एक कठिन चुनौती है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि सामान्यीकृत सेल्फ-ड्राइविंग एक कठिन समस्या है, क्योंकि इसके लिए वास्तविक दुनिया के AI के एक बड़े हिस्से को हल करने की आवश्यकता होती है। उम्मीद नहीं थी कि यह इतना कठिन होगा, लेकिन पीछे मुड़कर देखने पर कठिनाई साफ दिखती है।

टेस्ला की खिलाफ कई केस दायर हुए

  • इस साल टेस्ला के खिलाफ कई मुकदमे दायर किए गए हैं, जिसमें अप्रैल में फ्लोरिडा राज्य अदालत में एक मुकदमा शामिल है, जो कि लार्गो में 2019 की दुर्घटना से संबंधित है। ऑटोपायलट के साथ टेस्ला मॉडल एस टी चौराहे पर रुकने में नाकाम रही और शेवरलेट तेहो से टकरा गई। इस दुर्घटना से 22 साल के नायबेल लियोन की मौत हो गई।
  • इस मामले में पुलिस ने टेस्ला के ड्राइवर को दोषी माना है, कार या उसकी ऑटोपायलट तकनीक को नहीं। ड्राइवर के ऊपर असावधानी और असुरक्षित गति से ड्राइविंग का केस माना गया है। दुर्घटना से पहले सेकेंड तक टेस्ला कार का वीडियो सेव होकर कंपनी के सर्वर में अपलोड हो जाता है।
  • बेंजामिन माल्डोनाडो और उनकी पत्नी एड्रियाना गार्सिया ने अल्मेडा काउंटी सुपीरियर कोर्ट में अपना मुकदमा दायर किया। उनकी शिकायत में दावा किया गया है कि ऑटोपायलट की वजह से उनके 15 साल के बेटे की जान गई। अधिकांश वीडियो में टेस्ला की कार की स्पीड 111 किमी प्रति घंटा से भी ज्यादा थी, लेकिन दुर्घटना के वक्त कार की स्पीड धीमी भी हुई।

ऑटोपायलट को गलत नहीं मानते मस्क
एलन मस्क ने हमेशा ऑटोपायलट फीचर का बचाव किया है। कंपनी ने अपने आंकड़ों का हवाला देते हुए दावा किया है कि सिस्टम के साथ चलने वाली कारें अन्य कारों की तुलना में प्रति मील कम दुर्घटनाओं में शामिल होती हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा था कि ऑटोपायलट पर दुर्घटनाएं दुर्लभ होती जा रही हैं।

कंज्यूमर रिपोर्ट्स ने मई में कहा था कि इसका एक इंजीनियर टेस्ला में ऑटोपायलट को चालू करने और कार के चलते रहने के दौरान पीछे की सीट पर फिसल जाने में सक्षम था। कैलिफोर्निया हाईवे पेट्रोल ने मई में कहा था कि उसने एक ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार किया है जो अपनी टेस्ला मॉडल 3 की ड्राइविंग सीट से बाहर निकल रहा था, जबकि कार चल रही थी।

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