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उड़ान भरने को तैयार जेट 2.0: टीम ने कहा- एयरलाइन सर्विसेज जल्द शुरू होने की उम्मीद, बस कुछ अप्रूवल्स का इंतजार

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मुंबई24 मिनट पहले

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जेट एयरवेज 2.0 उड़ान भरने को तैयार है, बस कुछ अप्रूवल्स का इंतजार किया जा रहा है। एयरलाइन के नए प्रमोटर जालान-कालरॉक कंसोर्टियम ने कहा, “रिस्टार्ट एक्टिविटिज” अच्छी तरह से आगे बढ़ रही हैं और एयरलाइन की सर्विसेज जल्द ही फिर से शुरू होने की उम्मीद है।

जेट टीम ने कहा, “हम अप्रूवल प्रोसेस के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय, भारत सरकार और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। जेट एयरवेज के एयर ऑपरेटर सर्टिफिकेट (AOC) वैलिडेशन के बाद सर्विसेज शुरू की जाएंगी।”

पिछले साल सितंबर में, जालान-कलरॉक रिजॉल्यूशन कंसोर्टियम ने कहा था कि एयरलाइन 2022 की तीसरी-चौथी तिमाही से छोटी-छोटी अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू करेगी।

एयरलाइन दोबारा शुरू करने की प्रोसेस जटिल
टीम ने कहा कि एयरलाइन को फिर से शुरू करने की प्रोसेस काफी जटिल है जिसे नियामक अधिकारियों के समन्वय में सावधानीपूर्वक किया जाना चाहिए और वे इस प्रोसेस के साथ अच्छी तरह से चल रहे हैं। इसके अलावा, अगले तीन से पांच सालों में जेट एयरवेज के बेड़े में विमानों को शामिल किए जाने के लिए कई एयरक्राफ्ट लेसर्स के साथ-साथ एयरक्राफ्ट मैन्युफैक्चर्रस के साथ बातचीत चल रही है।

2019 में ग्राउंडेड हो गई थी जेट एयरवेज
कर्ज में दबे होने के कारण जेट एयरवेज अप्रैल 2019 में ग्राउंडेड हो गई थी। इससे पहले एयरलाइन को साउथ एशियन नेशन की सबसे बड़ी प्राइवेट एयरलाइन का दर्जा हासिल था। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) के बैंकरप्सी रिजॉल्यूशन प्रोसेस में जेट एयरवेज के विनिंग बिडर्स कालरॉक कैपिटल और मुरारी लाल जालान की कंसोर्टियम थी।

जालान एक दुबई बेस्ड इंडियन ओरिजिन बिजनेसमैन हैं। वहीं कालरॉक कैपिटल मैनेजमेंट लिमिटेड फाइनेंशियल एडवाइजरी और अल्टरनेटिव एसेट मैनेजमेंट के क्षेत्र में काम करने वाली लंदन बेस्ड ग्लोबल फर्म है। इसके फाउंडर फ्लोरियन फ्रेच है।

क्यों बंद हुई थी जेट एयरवेज?
1990 के दशक की शुरुआत में टिकटिंग एजेंट से एंटरप्रेन्योर बने नरेश गोयल ने जेट एयरवेज की शुरूआत की थी। उन्होंने लोगों को एयर इंडिया का अल्टरनेटिव दिया था। एक वक्त जेट के पास 120 प्लेन थे। ‘दि ज्वॉय ऑफ फ्लाइंग’ टैग लाइन के साथ ऑपरेशन करने वाली कंपनी जब पीक पर थी तो हर रोज 650 फ्लाइट्स ऑपरेट करती थी।

हालांकि, बाद में एयरलाइन को घाटा होने लगा मार्च 2019 तक घाटा 5,535.75 करोड़ रुपए तक पहुंच गया। भारी कर्ज के चलते 17 अप्रैल 2019 को एयरलाइन बंद हो गई। जब कंपनी बंद हुई तो केवल 16 प्लेन रह गए थे।

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